हजारीबाग :- एच3एन2 एक दूसरे से संक्रमण फैलने वाला इन्फ्लूएंजा वायरस है एच3एन2 संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार यह बीमारी ने 1968 में इनफ्लुएंजा महामारी के कारण बना था जिससे दुनिया भर में लगभग 10 लाख लोगों की मौत हुई थी और अमेरिका में लगभग एक लाख लोग मारे गए थे।
इसका मुख्य लक्षण है सर्दी ,खांसी, बुखार,शरीर में दर्द सिर में दर्द, गले में खराश, भारी थकन अत्यधिक कमजोरी ,जी मिचलना उल्टी-पैखाना होना जैसा लक्षण मिलता है। यह बातें हजारीबाग मेहता हॉस्पिटल के निदेशक एवं उत्तरी छोटा नागपुर कांग्रेस कमेटी के प्रमंडलीय स्वास्थ्य अध्यक्ष डॉ आरसी प्रसाद मेहता ने जनमानस से सतर्क रहने का निवेदन करते हुए कहा।
उन्होंने कहां की रोग फैलने से पूर्व रोकथाम अच्छा है पूर्व करोना महामारी में सरकार ने जो कोरोना से बचाव हेतु गाइडलाइन दिए थे उसका पालन करना शुरू कर दें। खाने से पहले हाथ धोना अपने चेहरे, नाक व मुंह को बार-बार नहीं छूए। मास्क का प्रयोग करे, पॉकेट सैनिटाइजर साथ रखे।पहले से किसी इनफ्लुएंजा संक्रमित लोगों से दूरी बनावे। इसके अलावा एक स्वस्थ आहार लें जिसमें भरपूर मात्रा में फल सब्जियां शामिल हो जो प्रतिरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
यह आमतौर पर 15 वर्ष से कम या 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाता है जिन व्यक्तियों को पूर्व में कोरोना हो चुका है वैसे रोगी ज्यादा चपेट में आ सकते है अस्थमा, डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी के रोगी सहित कमजोर प्रतिरक्षक क्षमता वाले रोगियों पर इन्फ्लूएंजा हावी हो सकता है।
एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से होने वाला संक्रमण आमतौर पर पांच से सात दिनों तक रहता है तीन दिनों के बाद बुखार उतरना शुरू होता है हालांकि खांसी 3 सप्ताह तक बनी रह सकती है।
यह बीमारी संपूर्ण भारत में आज के तारीख में सैकड़ो लोगों को चपेट में ले चुका है तथा अनेकों लोगों की मृत्यु हो चुकी है। झारखंड के जमशेदपुर धनबाद रांची में यह आगाज दे चुका है ।दर्जनों इन्फ्लूएंजा रोगियों में कोरोना वायरस का भी संक्रमण साथ-साथ है इसलिए बीमारी का लक्षण मिलने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर आवश्यक जांच कराएं। भारत के सभी राज्य एवं जिलों में जांच की सुविधा उपलब्ध है
संवाददाता भास्कर उपाध्याय