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जमशेदपुर: जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्रों समेत प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली आपूर्ति व्यवस्था एकदम से ध्वस्त होने की खबर आ रही है। भीषण गर्मी में लोगों का बुरा हाल है। इसके पूर्व भी रामनवमी के बाद बिजली व्यवस्था बुरी तरह चरमरा
गई थी। भीषण गर्मी में लोगों में त्राहिमाम मच गया था। लोगों की नींद हराम हो गई थी। पावर आने जाने का कोई टाइम टेबल नहीं था। कब बिजली आएगी और कब जाएगी उसकी कोई गारंटी नहीं थी। कुछ दिन तक पावर रोटेशन भी चल रहा था। कभी एक और एक घंटा के लिए बिजली दी जाती थी तो दूसरी ओर की एक घंटा काट दी जाती थी। भीषण गर्मी में पावर नहीं रहने से लोग ठीक से सो नहीं पा रहे थे और बीमार हो रहे थे। इसके बाद आंदोलन शुरू हो गए हैं और बयान बाजी भी शुरू हो गई। ज्ञापन मांग पत्र और आंदोलन की धमकी दी जाने लगी उसके बाद बिजली व्यवस्था में कुछ दिनों तक सुधार रहा लेकिन फिर पिछले चार-पांच दिनों से बिजली आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। ऊपर से उमस भरी गर्मी। रात में भी लोग सोने जा रहे होते हैं या सो जाते हैं इसी वक्त पावर गुल हो जाती है। लोग गर्मी से बेहाल होकर बिलबिला कर उठ जाते हैं।
वहीं दूसरी ओर मच्छरों का भी प्रकोप बारिश से बढ़ गया है। बारिश के दौरान उमस भरी गर्मी का सितम लोग झेल रहे हैं। ऐसी स्थिति में पावर गुल होना है लोगों में काफी नाराजगी झलक रही है।बीती रात ही देर रात बिजली गुल हो गई और फिर तकरीबन 1 घंटे के बाद आई।उसी तरह दिन में भी यह सिलसिला चल रहा है बिजली आ रही है जा रही है।
इसके अलावा बिजली की अनियमित व्यवस्था के चलते लोग छतों पर या घर के बाहर सोना शुरू कर दिए थे लेकिन मौसम का कोई ठिकाना नहीं रह रहा है कभी बारिश हो जा रही है। जिसके चलते लोग भीषण गर्मी में भी घर में सोने को मजबूर हो जाते हैं।
लोग यह सोचने को मजबूर है पहले इस बात की चर्चा थी कि अंडर ग्राउंड केबलिंग हो जाने के बाद बिजली व्यवस्था में सुधार हो जाएगी नो पावर कट हो जाएगा या कटेगा भी तो निश्चित समय के लिए कटेगा, लेकिन ऐसा नहीं है फिर से एक बार बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई है लोग परेशान हैं। पावर कट आम बात हो गई है कोई टाइम टेबल नहीं है कभी भी आ जाती है और कभी भी चली जाती है।
ऐसी स्थिति में छात्रों का पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है और उनका भविष्य अंधकार में लग रहा है क्योंकि वैसे ही कोरोनावायरस तकरीबन 2 साल तक पठन-पाठन प्रभावित रहा था अब बिजली की अनियमित व्यवस्था से इनका भविष्य खराब होता नजर आ रहा है। छात्र भीषण गर्मी में पढ़ नहीं पा रहे हैं। वही लोग भी परेशान हैं।
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