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Saturday, June 3, 2023

एनसीपी को मंगलवार रात 8 बजे तक मौका,राज्यपाल ने की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश

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महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है सियासत गर्म है वहीं खबरों के मुताबिक राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। राज्यपाल ने केंद्र को रिपोर्ट भेज कर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने को कहा है। इसका मुख्य वजह यह बताया जा रहा है कि न ही कांग्रेस ने और न ही एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन पत्र सौंपा

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है. जिससे महाराष्ट्र में सरकार बनने का फैसला अधर मे लटक गया है। शिवसेना राज्यपाल द्वारा सोमवार तक समर्थन पत्र देने का समय सीमा दिया था लेकिन वह न ही एनसीपी का न ही कांग्रेस का समर्थन जुटा पाई उसके बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे व आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से 2 दिन की मोहलत मांगी लेकिन राज्यपाल ने इंकार कर दिया

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राज्यपाल ने एनसीपी को न्यौता देकर मंगलवार रात 8 बजे तक बहुमत संख्या दिखाने का समय दिया। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल से मुलाकात कर कहा है कि हम सहयोगी से बात कर जवाब देंगे। वहीं अगर एनसीपी तय समय सीमा में समर्थन नहीं जुटा पाती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के आसार दिख रहे हैं।वहीं खबरों के मुताबिक सोमवार को केंद्र में भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया जिसके कारण 30 साल पुराना भगवा गठबंधन टूट गया।

फिलहाल राज्यपाल ने राकांपा को समर्थन साबित करने का न्यौता दिया है। कांग्रेस उसे बिना शर्त समर्थन दे सकती है। सबसे आसान रास्ता है लेकिन राकांपा मुख्यमंत्री पद के लिए ठाकरे परिवार से किसी का नाम आगे बढ़ाये अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कि जिसे सरकार बनाने का न्योता मिला हो और उसने मुख्यमंत्री के लिए दूसरे दल के नेता का नाम आगे बढ़ाया हो।

शिवसेना किंग मेकर के रोल में
ऐसे में विकल्प के तौर राकांपा और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाएं और इसे समर्थन देकर शिवसेना किंगमेकर का रोल कर सकती है, मगर इसकी संभावना नहीं दिखाई पड़ रही है क्योंकि यदि शिवसेना को ऐसा ही करना रहता है तो वह बीजेपी के साथ ही सरकार बना लेती.

शिवसेना चाहेगा तो राष्ट्रपति शासन नहीं लगेगा
ऐसा तभी हो सकता है जब भाजपा को नीचा दिखाने के लिए शिवसेना राष्ट्रपति शासन के बजाय बैकसीट पर एनसीपी और कांग्रेस के साथ बैठ जाए
बीजेपी वॉच एंड वेट पॉलिसी मोड में
भाजपा धैर्य रखी हुई है उससे उम्मीद है कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना से जीतकर आए विधायक सरकार न बनने से असंतुष्ट होंगे। उन्हें पार्टियां ज्यादा समय तक संभाल कर नहीं रख पाएंगी। फिलहाल राष्ट्रपति शासन और कुछ महीनों में पर्याप्त बहुमत जुट जाने पर भाजपा पूरे धैर्य से सरकार बनाने पर काम कर सकती है।फिलहाल राष्ट्रपति शासन और कुछ महीनों में पर्याप्त बहुमत जुट जाने पर भाजपा पूरे धैर्य से सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है

बहरहाल प्रमुख दलों के समर्थन जुटा पाने में समाचार लिखे जाने तक असफल हैं ऐसे में राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर सकते हैं। यह 6 महीने के लिए होगा। केंद्र सरकार चाहे तो इसकी अवधि और बढ़ाई जा सकती है। इस समय के दौरान किसी भी दल के समर्थन न जुटा पाने पर मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं।

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