[वार्ता स्पेशल: रिपोर्ट सतीश सिन्हा की] दोस्तों साल 2020 में कोरोना में पहली बार कोरोना वायरस के साथ 120 साल बाद इस तरह का सूर्य ग्रहण जिसमें सूर्य अंगूठी या कंगना कार दिखाई देगा। सामान्यतः ज्योतिषियों के मुताबिक 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण का पूरी दुनिया पर जनमानस पर व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है। इस सूर्य ग्रहण परपर सबकी निगाहें हैं। इसका सूतक 20 जून, शनिवार की रात 9 बजे से लग चुका है।पहले यह बता देते हैं कि ग्रहण कब से कब तक लगता है कहां लगेगा उसके बाद क्या करना है उत्तम होगा और क्या नहीं करना आपके लिए उत्तम होगा। वही कहा यह भी जा रहा है कि या सूर्य ग्रहण कोरोनावायरस को छोड़ेगा नहीं देखिए क्या होता है!और रविवार सुबह 10 बजे ग्रहण आरंभ होगा जो करीब साढ़े तीन घंटे की अवधि के बाद सवा दो बजे पूरा होगा। यह एक ऐसी खगोलीय घटना है।जिसे लेकर धर्म और विज्ञान की अपनी मान्यताएं हैं। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण के दौरान हमें कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिये। ग्रहण काल के समय हमें भोजन नहीं करना चाहिये, ना ही नींद लेना पुरानी मान्यता के अनुसार भी वर्जित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी ग्रहण के दौरान सबसे ध्यान रखने योग्य बात यह है कि नींद नहीं लेना चाहिए।क्योंकि इस दौरान वर्जित कामों को करने से इसका घर एवं कारोबार पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।इसके अलावा ग्रहण काल में शरीर पर सुंगधित इत्र, तेल या परफ्यूम लगाना वर्जित है। वरना चर्म रोग से आपके ग्रसित होने की संभावना रहती है।क्या करना चाहिए जानें ग्रहण काल शुरू होने एवं समापन के बाद अगर संभव हो तो शुद्ध जल से स्नान करें। अगर आपके पास किसी पवित्र नदी का जल है तो यह उत्तम है।ग्रहण को लेकर हर आयु, वर्ग में जिज्ञासासूर्य ग्रहण एक विराट खगोलीय घटना है जो सृष्टि को आंदोलित व समाज को प्रभावित करती है। 21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर कहीं रोमांच है तो कहीं जिज्ञासा है। ज्योतिषीय गणना का कहना है यह ग्रहण बड़े प्रभाव उत्पन्न करने वाला है।ऐसा सूर्य ग्रहण इसके पहले 1920 में लगा था और फिर 2034 में लगेगा।
120 साल बाद दुर्लभ सूर्य ग्रहण पर सवाल, खत्म होगा कोरोना का बवाल या रहेगा मलाल,जानें ..कहां किस समय और क्या वर्जित…
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -