जमशेदपुर: जमशेदपुर में शनिवार को कोरोनावायरस से पीड़ित 2 मरीजों की मौत होने के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए स्वर्णरेखा घाट पहुंची प्रशासन पुलिस और स्पेशल टीम के समक्ष रविवार को उस वक्त हाई वोल्टेज ड्रामा हो गया। जब स्थानीय लोग यहां शवों के अंतिम संस्कार से कोरोना संक्रमण का खतरा बताते हुए विरोध पर उतारू हो गए ।एक ओर प्रशासन पुलिस और स्पेशल टीम के लाख समझाने के बावजूद वे नहीं माने और पथराव कर दिया। जिसमें 2 महिला पुलिसकर्मी घायल हो गई। उसके बाद पुलिस ने आंशिक बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा उसके बाद मृतकों का अंतिम संस्कार किया।
इस कार्य में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि जैसे ही प्रशासन पुलिस और स्पेशल टीम कोरोना पीड़ित मरीजों का शव लेकर वहां पहुंची तो स्वर्णरेखा बर्निंग घाट में बर्नर चलाने वाले कर्मचारी ही भाग चुके थे। उसके बाद प्रशासन ने किसी तरह बिष्टुपुर बर्निंग घाट से दूसरे कर्मचारियों को लाया और शवों का अंतिम संस्कार हुआ।
मौके वारदात पर धालभूमगढ़ के एसडीओ चंदन कुमार सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट दल बल के साथ मौजूद थे। इस मामले में पुलिस ने कुछ महिलाओं को हिरासत में लिया है उससे पूछताछ जारी है।
वहीं दूसरी ओर खबरों के अनुसार कोरोना से मृत संक्रमित महिला के बेटे ने श्मशान घाट पर नया पैंतरा
कर दिया।जहां बेटे ने न केवल मां के शव को कंधा देने से इंकार कर दिया वहीं उसने पीपीई किट पहनने से भी इंकार कर दिया। वैसे एक तरफ प्रशासन के समक्ष स्थानीय लोगों के आक्रोश को काबू करना तो दूसरी तरफ परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए तैयार करना दोनों में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।वैसे प्रशासनिक सख्ती के बाद महिला के पुत्र ने मां का अंतिम संस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उसके बाद प्रोटोकॉल के तहत दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार हुआ। हालांकि बस्ती वासी आक्रोशित दिखे।
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