धनबाद: ईसीएल झांझरा प्रोजेक्ट में कार्यरत कोलकर्मी चिरंजीत घोष को गांजा तस्कर बताकर जेल भेजने के मामले की जांच के बाद बोकारो डीआईजी प्रभात कुमार ने निरसा थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही निरसा डीएसपी से जवाब तलब किया है। सवालों का जवाब एसएसपी के मार्फत देने को कहा गया है।
बता दें कि 25 अगस्त, 2019 को धनबाद के निरसा में पुलिस ने एक सेवरले गाड़ी से 40 किलो गांजा पकड़ा था। इस मामले में धनबाद पुलिस ने ईसीएल कर्मी चिरंजित घोष को गांजा तस्करी का मास्टरमाइंड करार देते हुए जेल भेज दिया था।
वहीं दूसरी ओर चिरंजीत की पत्नी ने तत्कालीन डीजीपी के एन चौबे समेत राज्य पुलिस के अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर इंसाफ की मांग करते हुए कहा था कि उसके पति को बंगाल पुलिस के एक अधिकारी ने साजिश कर फंसाया है।बंगाल के एक एसडीपीओ उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं।उसने फोन पर अनचाहा दबाव बनाने की कोशिश की थी।
इस शिकायत के आलोक में मुख्यालय स्तर से मामले की जांच करायी गयी।जांच में यह साबित हुआ कि चिरंजीत को गलत तरीके से फंसा कर जेल भेजा गया था। वहीं पुलिस ने इस मामले में मुंह की खाने के बाद कोर्ट में तथ्यों की भूल स्वीकार करते हुए चिरंजीत को रिहाई कराई थी।
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