झारखंड में प्राइवेट स्कूलों की मोनोपॉली खत्म करने और राज्य में बेहतर शैक्षणिक (Education) माहौल के लिए शिक्षा मंत्री ने शुरू की कवायद। हर पंचायत में एक मॉडल स्कूल (Model School) होगा, जिसमें पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होगी।
झारखंड में 4500 सरकारी विद्यालयों को मॉडल स्कूल की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा।
रांची : कोरोनाकाल (COVID-19 Crisis) में स्कूलों के बंद होने और ऑनलाइन क्लासेज शुरू होने की चर्चाओं के बीच झारखंड सरकार (Jharkhand Government) शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। सरकार ने निर्णय लिया है कि प्राइवेट स्कूलों को चुनौती देने के लिए अब सरकारी विद्यालयों को भी मॉडल स्कूल (Model School) की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इन मॉडल स्कूलों में भी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। ये स्कूल संबंधित क्षेत्र में सरकारी स्कूलों के लिए लीडर-स्कूल होंगे। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निर्देश पर राज्य के 4500 सरकारी विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू की जाएगी। झारखंड में उच्च शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण संस्थान हैं, लेकिन जेपीएससी परीक्षा (JPSC Civil Services Exam) में भ्रष्टाचार या लेटलतीफी के लिए राज्य को कुख्याति झेलनी पड़ी है। ऐसे में स्कूली शिक्षा में ऐसा क्रांतिकारी कदम कितना सफल होता है, यह देखने वाली बात होगी।
हर पंचायत में एक लीडर स्कूल
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निर्देश पर राज्य के जिन 4500 विद्यालयों को मॉडल स्कूल की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा, उनमें पठन-पाठन के लिए तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। सरकार की योजना है कि हर पंचायत में एक लीडर स्कूल होगा, जिसमें पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या निर्धारित की जाएगी, ताकि शिक्षक के अनुपात में ही छात्र भी कक्षा में हो। जिन स्कूलों में शिक्षक कम होंगे, वहां अच्छे और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।
मॉडल स्कूल में क्या होगा खास
झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक उमाशंकर सिंह के मुताबिक इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास-रूम, ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा दी जाएगी। ई-लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, अत्याधुनिक प्रयोगशाला भी मॉडल स्कूलों में होगा। इसके अलावा बच्चों का मानसिक तनाव दूर करने के लिए योगा सेंटर भी होगा। उमाशंकर सिंह ने बताया कि मॉडल स्कूलों का निर्माण इस आधार पर किया जाएगा, जिससे बच्चों को आधुनिक शिक्षा के तमाम पहलुओं से रूबरू कराया जा सके।