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मंझिआंव : क्षेत्र के किसानों को खेती सिंचित करने को लेकर सिंचाई विभाग के द्वारा मेराल प्रखंड क्षेत्र के फुलवरीया नदी से मेराल व मझीआंव सिवाना होते हुए चेड़ी स्थल तक महज 3 किलोमीटर लंबी नाहर का निर्माण कार्य कंपनी रेडी वीराना प्राइवेट लिमिटेड बंगलोर के ठेकेदार द्वारा मनमानी किया जा रहा है। बगैर तकनीकी इंजीनियर के उपस्थिति में मुंशी विजय कुमार के द्वारा निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इधर इस संबंध में किसान अशोक शाह, नवीन पाठक, अर्जुन मेहता, भोला मेहता, सत्येंद्र विश्वकर्मा, धनी मेहता, संजय विश्वकर्मा, राधेश्याम विश्वकर्मा, उदय विश्वकर्मा, अशोक मेहता, गरीबा मेहता, समेत कई किसानों ने नाहर निर्माण कार्य में घोर अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जिला उपायुक्त से जांच करवाने की मांग की है। किसानों ने बताया कि नाहर निर्माण कार्य में दोनों किनारे बालू की जगह मोरम युक्त मिट्टी का फिलिंग कर इसका उपयोग किया जा रहा है। कहा कि यहां तक कि ऐसे में निर्माण के बाद नाहर की हालत क्या होगी इसका अंदाजा स्वयं ही लगाया जा सकता है। कहा की सिंचाई परियोजना निर्माण के नाहर कार्य में ठेकेदार द्वारा विभाग के इंजीनियरों के माध्यम से अनियमितता का खेल खेला जा रहा है। कहा कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो नाहर निर्माण के क्षेत्र में कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। और तो और मुंशी द्वारा निर्माण कार्य मनमानी बगैर किसी इंजीनियर की देखरेख में कराया जा रहा है। कहा कि खजूरी गांव के लोग पूजा पाठ करने के लिए निर्माण कराए जा रहे नाहर क्रास करते हुए पहाड़ी की तलहटी में अवस्थित गांव का ढिहवार बाबा स्थल तक पार करने में श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है बशर्ते की किसानों के हित में पुलिया बनाना अनिवार्य है। ज्ञात हो कि शासन से स्वीकृति के बाद करोड़ो रुपए की लागत से 3 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है। इधर जानकारी के अनुसार ठेकेदार द्वारा 2 इंच गिट्टी और 1:3:6 के रेसीयो से मसाले का उपयोग कर नहर निर्माण कराया जाना है। लेकिन निर्माण कार्य में बालू की जगह मिट्टी का फिलींग कर ढाला जा रहा है । जिससे नहर निर्माण का भविष्य अधर में दिखाई दे रहा है । मौके पर उपस्थित मुंशी विजय कुमार ने जानकारी देते हुए मोरम युक्त मिट्टी को लोकल बालू बताया। जबकि विभागीय कनीय अभियंता जावेद अख्तर ने नाहर निर्माण कार्य को देखकर भड़के और तत्काल बालू का उपयोग करने के लिए मुंशी विजय कुमार को निर्देश दिया। अंत में उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पूजा स्थल पर जाने के लिए पुलिया का निर्माण कराया जाएगा।
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