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नई दिल्ली : पहले लोकसभा फिर राज्यसभा और अब गुरुवार देर रात्रि राष्ट्रपति से हरी झंडी मिलने के बाद नागरिकता संशोधन बिल 2019 कानून बन गया।
खबरों के अनुसार विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया। इस कानून के लागू होते ही देश के अलग-अलग हिस्सों में अवैध तरीके से रहने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करने का मार्ग सरल हो जाएगा।
भारत की नागरिकता के लिए पात्र होने की समय सीमा 31 दिसंबर 2014 के पहले या इस तारीख तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। नागरिकता पिछली तारीख से लागू होगी।
कानून बनने से पहले नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार को ही पारित हो गया था। उसके बाद यह बिल राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े।
वहीं खबरों के मुताबिक विधेयक पारित होने के बाद देश के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए। असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी और तोड़-फोड़ का समाचार है। जिसके बाद वहां कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। साथ ही कल रात राजधानी दिल्ली में जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा भी विरोध प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नॉर्थ ईस्ट में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन जारी है। पूर्वोत्तर के असम, मेघालय और त्रिपुरा राज्य में हिंसक प्रदर्शन जारी है। हालात स्थिर करने के लिए लगातार सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च कर रहे हैं। फिलहाल मेघालय में मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सेवा पर रोक लगा दी गई है। मेघालय में 48 घंटों के लिए मोबाइल, इंटरनेट और मैसेजिंग सेवा को बंद किया गया है। वहीं, गुवाहाटी के बाद शिलॉन्ग में गुरुवार रात 10 से कर्फ्यू लगा दिया गया है।
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