रांची: शनिवार की सुबह ग्रामीणों और सेना के जवानों के बीच तीखी नोंकझोंक होने की खबर है इसका मुख्य वजह बताया जा रहा है कि वर्ष 2016 में एयरपोर्ट से कुटियातू चौक तक सड़क निर्माण को मंजूरी मिलने के साथ ही सड़क का शिलान्यास भी हो गया. लेकिन सड़क का निर्माण नहीं शुरू हो पाया इसका कारण यह बताया जा रहा है कि वहां आर्मी परेड ग्राउंड होने के कारण सेना सड़क निर्माण का विरोध कर रही थी लेकिन जून, 2019 में ग्रामीणों ने जबरन काम शुरू करवा दिया. सेना ने इसका विरोध किया उस वक्त दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गयी और रांची के उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों के साथ-साथ सांसद ने मामला शांत कराया था अधिकारियों और सांसद की मौजूदगी में बैठक में विवाद का शांतिपूर्ण हल निकालने पर सहमति हुई और बैठक खत्म हो गई. अब लगभग 5 माह पांच बाद भी सड़क निर्माण की पहल नहीं हुई तो ग्रामीण शनिवार 19 अक्टूबर 2019 को भारी संख्या में पहुंचे और सड़क का निर्माण शुरू कराने की कोशिश की.
वहां स्थायी रूप से मौजूद सेना के जवानों ने उनका विरोध किया. दोनों पक्ष आमने-सामने आ गये.सेना के जवानों का कहना है कि ग्रामीण जबरन सड़क बनाना चाहते हैं लेकिन यह आर्मी की जमीन है. उसकी बिना अनुमति के कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकता.
जबकि कमान के अधिकारी का तबादला हो गया है. नये अधिकारी को पूरे मामले की जानकारी नहीं है. और नए अधिकारी मामले को समझ नहीं लेते और अधिकारियों के साथ कोई सर्वसम्मत हल नहीं निकाल लेते, तब तक निर्माण कार्य शुरू न किया जाए. सेना का यह भी कहना है कि यदि सड़क बनानी है, तो आर्मी परेड ग्राउंड से कुछ दूर बने. सेना के जवानों और ग्रामीणों में तीखी नोकझोंक की खबर स्थानीय पुलिस को मिली उसने पहुंचकर मामला शांत करा लिया है फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है विदित हो कि पांच माह पहले प्रशासन और जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में सेना और ग्रामीणों की बैठक में रांची जिला प्रशासन और सांसद ने कहा था कि सड़क बनेगी. हालांकि खबरों के मुताबिक प्रशासन और सांसद ने रक्षा मंत्रालय को पत्र के माध्यम से इस संदर्भ में अवगत कराया था लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है जिसके कारण ग्रामीणों में रोष है. उनका कहना है कि सड़क नहीं होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.