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रिपोर्ट सतीश सिन्हा
जमशेदपुर: परसुडीह थाना अंतर्गत मखदुमपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास सड़कों पर नाले बहने से लोग बेहाल हैं। लोगों को नाले के गंदे पानी में पैर धोकर चाहे मंदिर जाना हो मस्जिद जाना हो गुरुद्वारा जाना हो चर्च जाना हो या स्कूल जाना हो कॉलेज जाना हो ऑफिस जाना हो या बाजार जाना हो मजबूरी बन गई है। ऐसा नहीं कि इस समस्या से स्थानीय जनप्रतिनिधि विधायक पंचायत प्रतिनिधि रूबरू नहीं है। रोज इस मार्ग से इनका भी आगमन होता है लेकिन इनमें से कुछ बड़े बड़े वाहनों में आराम से बैठकर पार हो जाते हैं। सड़क पर पैदल चलने वाले और छोटी गाड़ियों वालों को कीचड़ का छींटा भी मारते हुए निकल जाते हैं लोगों को काफी घुटन महसूस होती है गंदा पानी का भी उन्हें छींटा पड़ता है।
हालात ऐसे हो गए हैं कि इस क्षेत्र से पैदल से लेकर साइकिल दुपहिया वाहन यहां तक की तीन पहिया वाहन वाले लोगों को इस क्षेत्र से गुजरना भारी मुश्किल हो जाता है क्योंकि बड़े वाहन चालक दुपहिया तीन पहिया चार पहिया और बड़े वाहन वाले पैदल चलने वालों का ख्याल नहीं करते हैैं और तो और छोटे वाहन पर सवार या साइकिल सवार या पैदल चलने वालों पर नाली का गंदा पानी छींटा मारते हुए सरसराते हुए निकल जाते हैं। लोगों के कपड़े गंदे हो जाते हैं।
दूसरी ओर हल्की बरसात होने के बाद भी यहां तो बाढ़ आ जाती है। सड़क कहां है नाला कहां है गड्ढा कहां है। पता ही नहीं चलता है। बरसात होने पर तो आवागमन बाधित हो जाता है। कई लोग जोखिम उठाकर इसको पार करते हैं। स्कूली बच्चों के पानी में ड्रेस जूते वगैरह खराब हो जाते हैं। उन्हें गंदे पानी में घुसकर किसी तरह धीरे-धीरे पार करना पड़ता है।
वहीं गंदगी भरे पानी सड़कों पर बहने के चलते बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है। लोग नेता और प्रशासन को कोस कर इस मजबूरी को झेलने के लिए मजबूर हैं।
बहरहाल यह समस्या वर्षों से जस की तस बनी हुई है। कहने को तो इस क्षेत्र में नेताओं की कमी नहीं है हर घर या उसके आसपास नेता हैं। यदा-कदा कोई नेता अस्थाई रूप से उसकी सफाई करा देता है तो एकाध दिन व्यवस्था ठीक रहती है। उसके बाद फिर वही हालत हो जाती है। दिन प्रतिदिन और बदतर हालात होते जा रहे हैं पहले तो यह समस्या क्रॉसिंग तक ही सीमित थी लेकिन धीरे-धीरे नाले का पानी सड़कों पर बहते बहते काफी दूर तक सड़क गंदा करते हुए बह रहा है। स्थिति यह हो गई है कि लोग सड़क छोड़कर जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पकड़ कर इधर से उधर जाने लगे हैं।
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