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Tuesday, March 28, 2023

बरहड़वा हाट-बाजार बंदोबस्ती में झड़प के मामले में त्रिदलीय राजनीतिक संघर्ष शुरू, बाबूलाल मरांडी ने मंत्री आलमगीर को गिरफ्तार करने…

रांची: साहिबगंज के बरहड़वा नगर पंचायत की सैरात (हाट-बाजार) बंदोबस्ती की प्रक्रिया के दौरान हुई मारपीट और कथित रूप से मंत्री आलमगीर आलम, सीएम प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और ठेकेदार शंभू भगत के बीच गरमा गरम बहस का ऑडियो वायरल होने के बाद मामले में राजनीतिक रूप ले लिया है और त्रिदलीय राजनीतिक संघर्ष शुरू हो गया है। इस राजनीतिक जंग में एक ओर प्रदेश सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन के पाले में गेंद डाल दी गई है वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की ओर से बाबूलाल मरांडी आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं जबकि तीसरी ओर कांग्रेस अपने मंत्री के बचाव में खुलकर सामने आ गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा और पत्र के माध्यम से मंत्री आलमगीर आलम व विधायक प्रतिनिधि की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग कर राजनीतिक बवाल मचा दिया है।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मंत्री का काम कानून व्यवस्था को सुचारू रखना है। साथ ही सरकार को राजस्व प्राप्त कराना है न कि सट्टा के बलबूते पर ठेका पट्टा मैनेज करा कर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाना है। इस मामले की लीपापोती की का प्रयास सही नहीं होगा।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश भी एक बार फिर से हमलावर नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि 6 माह में ही प्रदेश सरकार का असली रूप सामने आने लगा है। ठेका पट्टा मैनेजमेंट आदि जनहित कार्यों में बोली लगाई जा रही है।प्रदेश सरकार को मामले की गंभीरता पूर्वक लेकर की जांच करानी चाहिए और मंत्री आलमगीर तत्काल अपना इस्तीफा दे दें या मुख्यमंत्री उनसे इस्तीफा ले लें।

इसके अलावा गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने बरहड़वा प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जांच का अनुरोध करते हुए बातचीत का आडियो टेप भी जारी किया है। सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मंत्री आलमगीर आलम से इस्तीफा करा लीजिए, नहीं तो राहुल गांधी आपको मधु कोड़ा बना देंगे।

दूसरी ओर प्रदेश में काफी अरसे के बाद सत्ता का सुख भोग रही कांग्रेस भी अपने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पक्ष में खुलकर सामने आते हुए कहां कि जो ऑडियो जारी हुआ है उसमें कोई आपत्तिजनक बात नहीं है। ठेकेदारों के टेंडर विवाद को भाजपा राजनीति रंग दे रही है। साथ ही यह कहा कि सरकार किसी राजनीतिक दबाव में झुकने वाली नहीं है।

खबरों के मुताबिक प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पार्टी विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम एक जनप्रतिनिधि हैं और उनके समक्ष कोई व्यक्ति फोन पर अपनी बात रख सकता है। साथ ही यह भी कहा कि आलमगीर आलम को भी एक ठेकेदार ने फोन कर टेंडर में सहयोग करने का आग्रह किया, लेकिन मंत्री ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि क्षेत्र के तकरीबन 60 से अधिक लोग उनसे मिले और स्थानीय लोगों को काम देने का अनुरोध किया है। वे लोग पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे। उनके फोन से स्थानीय जनप्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने बात किया था और किसी तरह की कोई गलत या आपत्तिजनक बेबुनियाद है।

बहरहाल अब देखना है कि साहिबगंज बरहड़वा (हाट बाजार) सैरात बंदोबस्ती का मामला हाई प्रोफाइल होने के साथ-साथ अब राजनीतिक रंग ले चुका है देखना है किस मोड़ पर जाकर इसका पटाक्षेप होता है।

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