महाराष्ट्र: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इसके साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा निलंबित हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ही प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी। राज्यपाल कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्वीट किये गये एक बयान के अनुसार, ”वह संतुष्ट हैं कि सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है इसलिए संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधान के अनुसार आज एक रिपोर्ट सौंपी गई है।”अनुच्छेद 356 को जिसे आमतौर पर राष्ट्रपति शासन के रूप में जाना जाता है और यह ‘राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ से संबंधित है
शिवसेना का सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के खिलाफ शिवसेना का कहना है कि उसके पास बहुमत है लेकिन गवर्नर की तरफ से उसे समय ही नहीं दिया गया। उसने राष्ट्रपति शासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया है उसने राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी और आज ही सुनवाई करने की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने कहा कि बुधवार 10.30 बजे याचिका समुचित बेंच के आगे मेंशन करें, आज बेंच का गठन संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के वकील को कहा कि बुधवार को सुबह 10.30 बजे अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग करें।
6 महीने के लिए लगा राष्ट्रपति शासन
फिलहाल 06 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है। अगर इस दौरान कोई पार्टी बहुमत साबित करती है तो राष्ट्रपति शासन हट जाएगा। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश और केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में सरकार न बनने की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति शासन फिलहाल 06 महीने के लिए लगाया गया है हालांकि इस दौरान अगर कोई भी पार्टी बहुमत साबित कर देती है तो सरकार बन सकती है।
एनसीपी – कांग्रेस ने भी फैसले की आलोचना एनसीपी का आरोप है कि उनके पास अभी सरकार बनाने के लिए 48 घंटे का समय था लेकिन राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में इसका ज़िक्र ही नहीं किया। एनसीपी का कहना है कि हमने राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए 03 दिन का समय मांगा था , लेकिन गवर्नर ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया कि 15 दिन बीत गए हैं और सरकार बनने कि कोई संभावना नहीं दिखती है.