कोरोनावायरस के चलते कई देशों में लॉकडाउन किया गया है, ऐसे में बहुत से भारतीय विदेशों में फंसे हुए हैं। कोरोनावायरस महामारी के बीच, भारत ने विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन नाम का अपना सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है। ऐसे में मालदीव में फंसे लोगों को निकालने आईएनएस जलाश्व गुरुवार को माले पहुंचा था।
मालदीव से 698 भारतीय नागरिकों को लेकर नौसैन्य पोत आईएनएस जलाश्व रविवार सुबह कोच्चि बंदरगाह पहुंचा। इसके साथ लॉकडाउन के दौरान विदेशी सरजमीं से भारतीयों को निकालने का भारतीय नौसेना का पहला बड़ा अभियान पूरा हो गया। इनमें केरल के 440 लोग और बाकी देश के अन्य हिस्सों के लोग हैं। माले से लौटे लोगो में 19 प्रेगनेंट महिलाएं भी हैं।
सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु के 187, तेलंगाना के 9, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के आठ-आठ, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ राजस्थान के तीन-तीन और गोवा, असम के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक सात-सात यात्री उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के, चार दिल्ली के, तीन पुडुचेरी के हैं जबकि दो-दो यात्री उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड के हैं।
पुलिस महानिरीक्षक विजय सखारे ने बताया कि विदेश से लाए गए नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के लिए सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं।
वहीं दूसरी तरफ ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत खाड़ी देशों से भारत आए दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से एक दुबई से कोझिकोड और दूसरा शख्स अबु धाबी से कोच्चि आया था।
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