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संवाददाता-विवेक चौबे
गढ़वा : शुक्रवार को सुबह से ही आकाश में छाया बादल व चारों ओर कोहरा। रिमझिम-रिमझिम बारिश भी हुई । जन-जीवन अस्त-व्यस्त सा नजर आया।
वहीं किसानों के द्वारा फसलों को भी भारी नुकसान होने की संभावना व्यक्त की गई। माल-मवेशियों का भी रहना मुश्किल हो गया है। जी हां,गुरुवार की देर रात से ही बुंदा-बूंदी पानी होना प्रारम्भ हुआ है। शुक्रवार पूरे दिन भर मौसम खराब रहा,जिससे लोगों का आवागमन ठप रहा। वहीं ठंढी ने भी अपना विकराल रूप धारण कर लिया है। बूढ़े तो बूढ़े हीं युवाओं के भी हाथ-पांव खूब ठिठुर रहे हैं।
वहीं कुछ लोग रजाई-कम्बल में अपने तन को लपेटे आराम फरमा रहे हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को विद्यालय जाने में संकोच ही नहीं दुर्लभ भी हुआ। कुल मिलाकर ठंढी ने एकदम सी अंगड़ाई ली हुई है,जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त सा नजर आने लगा है।
वहीं आपको बता दें कि आजकल संभवतः समाजसेवी भी गर्म चादर में लिपटे हुए हैं। जब चुनाव आता है तो दिखावा के लिए कम्बल वितरण करते हुए अपने आप को समाजसेवी कहते हुए नजर आते हैं।
कई जगहों पर तो आग जला कर हाथ-पांव लोग सेकते नजर आए।
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