रांची :- राज्य में बढ़ते एच3एन2 संक्रमण के मरीज मिलने के बाद से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गयी है। अब रिम्स में भी इस संक्रमण के मरीजों की जांच के लिए सैंपल लिए जा सकेंगे। रिम्स को ऐसे दो सौ मरीजों की जांच के लिए सैंपल कलेक्शन किट मिल गया है। अब यहां भी सैंपल कलेक्शन हो सकेगा। यहीं जांच भी हो जाएगी। हालांकि जांच किट मिलने के बाद भी रिम्स में जांच शुरू हुई हो सकी है। शनिवार को 20 से अधिक संभावित मरीज पहुंचे, लेकिन सभी को ओपीडी से दवा दे कर भेजा गया। एक सप्ताह में केवल एक मरीज का सैंपल लिया गया।
खतरे की बढ़ती आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव की ओर से सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं जिलों के अस्पतालों को भी अलर्ट मोड में रहने को कहा है। वहीं राजधानी रांची की बात करें तो यहां रिम्स और सदर अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। मिली जानकारी के अनुसार खतरे की आशंका को देखते हुए रिम्स में 24 और सदर अस्पताल रांची में 20 बेड सुरक्षित रखे गए हैं। रांची सदर अस्पताल के नए भवन में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। यहां ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, एचएफएनसी आदि की व्यवस्था की गई है। वहीं रिम्स प्रबंधन के मुताबिक आइसोलेशन वार्ड में 24 बेड सुरक्षित रखे गए हैं।
राज्य में एच3एन2 संक्रमण का पहला मरीज जमशेदपुर में मिला है। जमशेदपुर के साकची की महिला रहने वाली है। उनकी उम्र 68 साल है। डॉक्टरों के मुताबिक उसका फेफड़ा 35% से अधिक खराब हो चुका है। वह टीएमएच में भर्ती है। इस महिला को 13 मार्च से बुखार, खांसी और सांस फूलने की समस्या हो रही थी। 16 मार्च को टीएमएच में भर्ती कराया गया था, जहां से सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने कहा कि संभावित लक्षण वाले छह मरीजों के सैंपल जांच के लिए माइक्रो वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे। इनमें महिला मरीज में वायरस की पुष्टि हुई। महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिवार के चार अन्य सदस्यों को भी जिला सर्विलांस विभाग ने घर में आइसोलेट कर दिया है। उनके सैंपल भी लिए गए हैं। इनमें से दो लोगों को हल्की सर्दी-खांसी है। पीड़ित महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।
डॉक्टरों के मुताबिक एच3एन2 वायरस इन्फ्लुएंजा एच1एन1 का म्यूटेंट वैरिएंट है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को शिकार बना सकता है। इसका लक्षण भी अन्य सीजनल फ्लू जैसे सर्दी-खांसी, नाक बहना, जी मिचलाना, शारीरिक दर्द, उल्टी और डायरिया जैसा ही है। क्योंकि इस वायरस का हेड ऑफ फैमिली इन्फ्लुएंजा ही है। आम फ्लू की समस्या औसतन 4-5 दिनों में ठीक हो जाती है, पर यह संक्रमण ज्यादा समय तक रहता है। इससे फेफड़ा तेजी से खराब हो सकता है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है।