डीएसपी ने अनुमंडल क्षेत्र में अमन चैन की शांति व सुख समृद्धि की कामना के साथ आहुतियां डाली
शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर(गढ़वा) :– मां देवी शक्ति की आराधना के पर्व चैत नवरात्र के अंतिम दिन गुरुवार को महानवमी मनाई गई। नवरात्र में चल रहे धार्मिक कार्यक्रमों का समापन कर पूर्णाहुति की गई। जगह-जगह कन्या पूजन और भंडारों का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर जंगीपुर पेट्रोल पंप स्थित गायत्री शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं ने देवी की आराधना के साथ पूर्णाहुति किया। पूर्णाहुति के दिन पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही लगने लगी। दूर दराज से श्रद्धालु भक्त मंदिर में पहुंचे और विशेष पूजन हवन में भाग लिया। तत्पश्चात गायत्री परिवार के परिजन अजीत चौबे एवं ललशु राम द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ विधिवत पूजा अर्चना एवं विशेष रूप से हवन पूजन कराया गया। वही ललशु राम ने विभिन्न गायत्री गीत प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इस अवसर पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रमोद कुमार केसरी समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने घर परिवार में सुख समृद्धि और विश्व कल्याण की शांति के साथ आहुतियां दी। हवन पूजन के बाद महाआरती कार्यक्रम के समापन के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।

गायत्री शक्तिपीठ में 24 कुमारी कन्याओं के विधिवत श्रृंगार के बाद कन्या भोज कराया गया और श्रद्धालुओं ने कन्या का पांव पूजन कर आशीर्वाद लिया। इसके पूर्व गायत्री परिवार के परिवाजको ने एसडीपीओ प्रमोद कुमार केसरी को तिलक लगाकर एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर अजीत चौबे,जोखू प्रसाद, अनिल लाल अग्रवाल, डॉक्टर धर्मचंद अग्रवाल,राजेश प्रताप देव, रामप्रसाद कमलापुरी, संतोष कमलापुरी, डॉ सतीश कुमार, अमर जायसवाल, सुरेश विश्वकर्मा, वीरेंद्र कमलापुरी, सुजीत लाल अग्रवाल, मनदीप कमलापुरी, रवि प्रकाश, जोखू प्रसाद गुप्ता,शुभम जायसवाल,विकाश जायसवाल, प्रदीप कुमार,अखौरी प्रसाद ज्योतीम, मीना देवी, अनीता देवी, इंद्रावती देवी, लालो देवी, पूजा अग्रवाल,कमला देवी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
गायत्री शक्तिपीठ में हुआ भंडारे का आयोजन.
चैत्र नवरात्र के महानवमी को पूर्णाहुति के बाद गायत्री शक्तिपीठ में गायत्री परिवार द्वारा विशेष पूजा अनुष्ठान सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम का समापन हवन भंडारे के साथ किया गया। भंडारे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ने भंडारे में शामिल होकर महा प्रसाद ग्रहण कर धन्य हुए।