चतरा: जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के खूंटीटोला गांव में मंगलवार की शाम अंधविश्वास ने एक और जान ले ली। गांव के दबंगों ने 45 वर्षीय धर्मदेव उरांव की ओझा-गुणी के शक में पहले जीभ काट दी, फिर बेरहमी से लाठियों से पीटकर हत्या कर दी और शव को जला दिया। घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
पंचायत के बाद दी गई सजा
जानकारी के अनुसार, हत्या से पहले गांव में पंचायत बुलाई गई थी। उसी पंचायत के फैसले के बाद धर्मदेव पर हमला किया गया। मृतक पर आरोप था कि कुछ महीने पहले उसके गोतिया परिवार के एक युवक की मौत हुई थी, और उस मौत के लिए धर्मदेव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। अंदेशा जताया जा रहा है कि इसी मौत का बदला लेने के लिए ग्रामीणों ने यह नृशंस वारदात अंजाम दी।
परिवार लापता, आशंका गहराई
धर्मदेव उरांव के तीन बेटे और पत्नी भी अचानक से घर से लापता हैं। मंगलवार को ही मृतक का एक बेटा बाहर से घर लौटा था, लेकिन घटना के बाद पूरा परिवार गायब है। पुलिस को आशंका है कि या तो दबंगों ने उन्हें कब्जे में ले लिया है या फिर भयवश वे गांव छोड़कर फरार हो गए हैं।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही टंडवा पुलिस और वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला अंधविश्वास और बदले की भावना से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। पुलिस टीम ने मृतक के गोतिया परिवार के घरों पर छापेमारी की, लेकिन सभी लोग फरार मिले और घरों में ताले लटके मिले। फिलहाल पुलिस गांव वालों से पूछताछ कर रही है, लेकिन लोग चुप्पी साधे हुए हैं।
अंधविश्वास पर कड़ा प्रहार जरूरी
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि ग्रामीण इलाकों में आज भी अंधविश्वास किस कदर गहरी जड़ें जमाए हुए है। ओझा-गुणी के शक में हत्या जैसी वारदातें समाज और कानून व्यवस्था दोनों के लिए चुनौती हैं।
अंधविश्वास का कहर: ओझा-गुणी के शक में शख्स की पहले जीभ काटी फिर मारकर जला दिया, क्षेत्र में मची सनसनी














