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नागाडीह हत्याकांड में दोषी पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास,कई अभी भी फरार

On: October 8, 2025 9:13 PM
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जमशेदपुर: बागबेड़ा थाना क्षेत्र के चर्चित नागाडीह हत्याकांड में जमशेदपुर न्यायालय ने पांच अभियुक्तों को दोषी करार दिया था और बुधवार को धारा 302के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पांच अभियुक्तों के नाम हैं–राजाराम हांसदा, गोपाल हांसदा, रेंगो पूर्ति, तारा मंडल और सुनील सरदार. एडीजे वन विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने यह फैसला दिया.

बता दें कि यह जघन्य हत्याकांड 18 मई 2017 को हुआ था।बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह में बच्चा चोर के अफवाह में उन्मादी भीड़ ने जुगसलाई नया बाजार निवासी विकास वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा, उन दोनों की दादी रामसखी देवी और बागबेड़ा के रहनेवाले गंगेश गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी तकरीबन 8 साल बाद इस मामले में सजा मुकर्रर की गई।अदालत सितंबर में ही अभियुक्तों को दोषी करार दे चुकी थी। आज सजा के बिंदु पर बहस हुई, जिसमें सुशील कुमार जायसवाल ने बहस करते हुए उदाहरणों के साथ इसे रेअरेस्ट ऑफ द रेअर बताते हुए, उसी लिहाज से सजा मुकर्रर करने की अपील की. हालांकि कोर्ट ने इसे रेअरेस्ट ऑफ द रेअर नहीं माना और धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही, धारा 307 के तहत दस-दस साल की सजा सुनाई. वहीं अन्य धाराओं में दो-दो साल की सजा सुनाई. इस केस में कुल 19लोगों की गवाही हुई. इस घटना के पीड़ित परिवार को डालसा की तरफ से विक्टिम काॅम्पनसेशन स्कीम के तहत मुआवजा दिया जाएगा.

पीड़ित पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता सुशील जायसवाल, सुधीर कुमार पप्पू और जगत विजय सिंह ने बहस की. बागबेड़ा थाना में दर्ज कांड संख्या -91/2017 पर आज का यह फैसला आया है, जहां पीड़ित परिजन उत्तम वर्मा के बयान पर मामला दर्ज हुआ था. वहीं, इसी कांड पर पुलिस(तत्कालीन थाना प्रभारी अमिष हुसैन के बयान पर)
द्वारा दर्ज कांड संख्या -90/2017 कोर्ट में लंबित है. उसके अलावा, इसी मामले से संबंधित अन्य कुछ केस भी न्यायालय में लंबित चल रहे हैं.

8/10अभियुक्त अब भी हैं फरार

इस घटना को लेकर विभिन्न अभियुक्तों पर अलग-अलग भी केस चल रहे हैं. इससे संबंधित लगभग सात मामले न्यायालय में लंबित हैं. अधिवक्ता सुशील जायसवाल ने बताया कि विभीषण सरदार,जगत मार्डी समेत आठ दस अभियुक्त फरार चल रहे हैं.

इन धाराओं के तहत दोषी करार दिए गए

अधिवक्ता सुशील जायसवाल ने बताया कि पांचों अभियुक्त IPC की धारा 302, 307, 341, 342, 338, 117/149 के तहत दोषी करार दिए गए थे.

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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