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बिहार: पटना के बड़े अस्पताल में अपराधियों का तांडव, कुख्यात चंदन मिश्रा को मारी गोली, सीसीटीवी में कैद!

On: July 17, 2025 11:48 AM
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पटना: बिहार में अपराधियों का मनोबल हाई है। कथित पुलिसिया सख्ती और एनकाउंटर के बावजूद अपराध का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच खबर आ रही है कि एक सुप्रसिद्ध अस्पताल में घुसकर अपराधियों ने कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा को गोली मार दिया। हालांकि एसएसपी का कहना है कि वह घायल है। इधर चर्चा की चंदन मिश्रा की मौत हो चुकी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पारस अस्पताल में गुरुवार को कई अपराधी हथियार से लैश होकर घुसे और एक मरीज को ताबड़तोड़ गोली मार दी. जिस शख्स पर हमला किया गया वह बक्सर का रहने वाला चंदन मिश्रा था.चंदन मिश्रा एक दर्जन से अधिक हत्या के मामले में आरोपित रहा. जेल से वह पैरोल पर बाहर आया था और पटना के इस प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहा था. पटना एसएसपी ने बताया कि संभवत: गैंगवार में ही उसपर हमला हुआ है. चंदन मिश्रा पर हमला हुआ तो बक्सर का वो चर्चित हत्याकांड फिर से जिंदा हुआ है जिसमें चूना व्यापारी राजेंद्र केसरी की हत्या हुई थी. चंदन मिश्रा भी इस हत्याकांड में आरोपी था.

बक्सर के चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी हत्याकांड का था आरोपी

21 अगस्त 2011 को बक्सर में रंगदारी नहीं देने पर चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में मृतक के परिजनों के द्वारा कुख्यात अपराधी शेरू सिंह और चंदन मिश्रा समेत कुछ अन्य आरोपित बनाए गए थे और इनपर मुकदमा दर्ज हुआ था. चंदन मिश्रा और शेरू बंगाल से गिरफ्तार हुए थे. शेरू को जब कोर्ट में पेश किया गया था और जज फैसला सुना रहे तो मौका देखकर शेरू ने कोर्ट में ही एक पुलिसकर्मी की हत्या गोली मारकर कर दी थी और फरार हो गया था. बाद में उसे आरा पुलिस ने पकड़ा था. जिला अदालत ने ओंकारनाथ सिंह उर्फ शेरू को फांसी की सजा सुना दी थी. हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने फांसी पर रोक लगा दी थी. वहीं इसी हत्याकांड में चंदन मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी.

जेलकर्मी हत्याकांड में भी रहा आरोपी, बाद में बरी हुआ

इससे पहले 2011 में ही 4 मई को धोबीघाट के पास एक जेलकर्मी हैदर इमाम वर्सी की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में भी चंदन मिश्रा और शेरू सिंह आरोपित थे. इस केस में जेलर ने बयान दिया था कि फोन के जरिए पूर्व में दोनों ने जान से मारने की धमकी दी थी. लेकिन कोर्ट में यह साबित नहीं हो सका. जिसके बाद दोनों को बरी कर दिया गया था. हालांकि अन्य मामलों के कारण वो जेल में ही रहे.

शेरू-चंदन गिरोह का आतंक रहा, बक्सर से भागलपुर जेल भेजे गए दोनों

शेरू और चंदन ने 2009 से 2012 के बीच करीब डेढ़ दर्जन से अधिक आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था. शेरू-चंदन गिरोह का आतंक उनकी गिरफ्तारी के बाद भी खत्म नहीं हुआ. जेल के अंदर रहकर भी चंदन मिश्रा कई हत्या की घटना को अंजाम दिलवाता रहा. विधानसभा चुनाव के समय शेरू और चंदन मिश्रा को अगस्त 2015 में बक्सर सेंट्रल जेल से भागलपुर जेल में शिफ्ट किया गया था. सुरक्षा और चुनाव को देखते हुए उसे अवधि खत्म होने के बाद भी वहीं रखा गया. ताकि वो वोटरों पर दबंगई दिखाकर उन्हें प्रभावित नहीं कर सके.

जेल में बंद चंदन मिश्रा के इशारे पर बाहर कई हत्याएं बाद में होती रही. 2015 में बक्सर में इस्लाम मियां की हत्या में भी चंदन मिश्रा का नाम उछला. इस हत्याकांड में आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद बक्सर के तत्कालीन एसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया था कि यह गिरोह चंदन मिश्रा का ही था जिसके इशारे पर ये अपराधी घटनाओं को अंजाम देते थे. चंदन मिश्रा हाल में ही पैरोल पर जेल से बाहर निकला था. पटना के पारस अस्पताल में इलाज कराने गए चंदन मिश्रा को अपराधियों ने गोलियों से भून दिया. पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, संभवत: गैंगवार में ही उसे गोली मारी गयी.

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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