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स्टेशन वीआईपी लॉन्ज में बतौर ठेका कर्मी शंकर यादव की मौत,परिजनों समेत राजनीतिक दलों ने मोर्चा खोला

On: October 5, 2024 7:23 AM
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मुआवजा न मिलने का पोस्टमार्टम करने से इनकार

जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन के पोर्टिको क्षेत्र वीआईपी एसी लांउंज में कार्यरत ठेका कर्मी शंकर यादव की मौत के मामले में मुआवजे को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है।परिजनों ने छोटी बहन की शादी के लिए 15 लाख रुपये और शंकर की काम क्रिया के लिए एक लाख कुल 16 लाख रुपये देने की मांग की है। मांगे ना माने जाने पर शव के पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है।

बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात ठेका कर्मी शंकर यादव घर से ड्यूटी के लिए निकला और स्टेशन में यह हादसा हो गया। शंकर के जमीन पर गिरने के बाद स्थानीय किसी व्यक्ति ने उसके मोबाइल से उसके घर में फोन किया।उसके बाद छोटा भाई राहुल यादव परिजनों के साथ मौके पर आया।वह शंकर को आनन-फानन उठाकर सदर अस्पताल ले गए। जहां उसकी स्थिति गंभीर देख उसे टीएमएच भेजा गया।उसकी सांसें चल रही थी। जब शंकर को टीएमएच लेकर परिजन पहुंचे तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शुक्रवार सुबह परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर ठेकेदार अजीत राय को घेरा। स्टेशन प्रबंधक जीसी मांझी के कार्यालय में घंटो वार्ता चली।

इस मौके पर आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे, राकेश तिवारी, मुन्ना मिश्रा समेत कई नेता मौजूद थे।

बताया जा रहा है कि शंकर यादव के पिता केशव यादव भी स्टेशन में ही काम करते थे लेकिन बीमारी के कारण उनकी मौत हो गई थी। उसके बाद से शंकर पर पूरी घर की जिम्मेवारी आ गई थी।

शंकर यादव के भाई राहुल यादव का रेल प्रशासन पर आरोप है कि यदि सही समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध हो जाता और सही समय पर उसके भाई को ट्रीटमेंट मिल जाता है तो उसकी जान बच जाती। काफी आगरा के बावजूद एंबुलेंस नहीं मिला तो वह टेंपो से सदर अस्पताल ले गए।

इधर खबर आ रही है कि मामले को लेकर कांग्रेसियों ने भी मोर्चा खोल दिया है जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे कांग्रेसियों के साथ विचार विमर्श करने पहुंच रहे हैं और आगे की रणनीति तय की जाएगी।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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