1.17 करोड़ राशन कार्डधारक अपात्र घोषित, 30 सितंबर तक सूची से होंगे बाहर; केंद्र ने राज्यों को भेजी लिस्ट

On: August 21, 2025 7:31 PM

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न योजना का लाभ ले रहे अपात्र राशन कार्डधारकों की पहली बार पहचान की है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आयकर विभाग, सड़क परिवहन मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय सहित कई एजेंसियों के डाटाबेस से आंकड़े मिलाकर यह सूची तैयार की है।
जांच में पाया गया कि 94.71 लाख राशन कार्डधारक आयकरदाता हैं। 17.51 लाख चार-पहिया वाहन मालिक हैं। 5.31 लाख कंपनी निदेशक हैं। कुल मिलाकर लगभग 1.17 करोड़ राशन कार्डधारक अपात्र की श्रेणी में आते हैं।
राज्यों को 30 सितंबर तक की डेडलाइन
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे 30 सितंबर 2025 तक जमीनी स्तर पर सत्यापन कर अपात्र कार्डधारकों को सूची से बाहर करें। इस संबंध में खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 8 जुलाई को सभी राज्यों को पत्र भेजा है।
उन्होंने लिखा कि मंत्रालय ने CBDT, CBIC, MCA, MoRTH और PM-किसान जैसी एजेंसियों के डाटाबेस से जानकारी जुटाकर यह सूची साझा की है। इसका उद्देश्य सही लाभार्थियों तक खाद्यान्न पहुंचाना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को पारदर्शी बनाना है।
स्थानीय स्तर पर उपलब्ध लिस्ट
खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अपात्र लाभार्थियों की लिस्ट प्रखंड मुख्यालयों को उपलब्ध करा दी गई है। पीडीएस का लाभ उठाने वाले लोग वहां जाकर अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं।
पात्रता के नियम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सरकारी कर्मचारी, सालाना 1 लाख रुपये या उससे अधिक आय वाले परिवार, चार-पहिया वाहन मालिक और आयकरदाता मुफ्त राशन के लिए पात्र नहीं हैं।
देशभर में अब तक 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं और लगभग 76.10 करोड़ लोग योजना के तहत लाभान्वित हो रहे हैं। जुलाई में सरकार ने राज्यसभा को बताया था कि 2021 से 2023 के बीच 1.34 करोड़ “फर्जी/अपात्र” राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत पात्र राशन कार्डधारकों को अनाज पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है।