रांची: राजधानी रांची में साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। यहां बोकारो के लोक उपक्रम की रिटायर महिला अफसर से डिजिटल अरेस्ट के बाद 1 करोड़ 39 लाख 70 हजार रुपए की ठगी की गई है। दुबई के साइबर अपराधियों के सिंडिकेट सदस्यों ने खुद को केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बताकर पहले डिजिटल अरेस्ट किया, इसके बाद एक महिला से 1.39 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। तकनीकी जांच और दस्तावेज़ी साक्ष्यों के आधार पर की गई छापेमारी में पुलिस ने तेलंगाना और मिजोरम से तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों में ईशाक अहमद, कुन्नापुल्ली सुब्रमण्या शर्मा और लालदुहसंगा शामिल हैं। इनके कब्जे से चार मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड, पांच एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, तीन चेकबुक, एक पेन ड्राइव, आधार कार्ड, वोटर कार्ड और संबंधित व्हाट्सएप चैट बरामद किए गए हैं।
15 मई को पीड़िता ने शिकायत की थी कि खुद को केंद्रीय एजेंसी का अफसर बताकर ठग ने उन्हें पहले व्हाट्सऐप कॉल किया। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट कर पैसों की ठगी कर ली। शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मनी ट्रेल की जांच शुरू की। जांच में यह भी पता चला कि कुनापुली इंपैक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवाया गया था। उसमें साइबर अपराध के जरिए ठगी के पैसे जमा होते थे। एनसीआरपी पोर्टल ने जांच की तो पाया कि इस खाते में एक ही दिन में ठगी के एक करोड़ 72 लाख 94 हजार रुपए जमा हुए है। जबकि इस खाते के खिलाफ पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, गोवा, बिहार, महाराष्ट्र, केरल, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 15 शिकायतें दर्ज हैं।
साइबर अपराधी पीड़ितों को पहले वीडियो कॉल करते थे और खुद को अधिकारी बताते थे। कॉल के दौरान सरकारी वर्दी पहने एक व्यक्ति का वीडियो दिखाया जाता था ताकि पीडितों को भरोसा दिलाया जा सके। इसके बाद पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग या किसी अन्य गंभीर अपराध में फंसाने की बात कहकर डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी जाती थी। भयभीत होकर पीड़ित बड़ी रकम आरोपियों के बताए बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे।