बालवाडीह में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन, कलश यात्रा में 1 हजार महिलाएं हुईं शामिल

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बालवाडीह: अयोध्या में विशाल राम मंदिर के निर्माण के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर सेवा विभाग विश्व हिंदू परिषद झारखंड ने अनेक कार्यक्रम निर्धारित किए हैं. इसी श्रृंखला में ग्यारह स्थानों पर विशाल टुसु मेलों का आयोजन किया गया. प्रत्येक मेले में 20 से 30 हजार ग्रामीणों का विशाल जनसमूह भागीदार बना. मेले में आये सैंकड़ों चौड़ल समूह को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया और श्रीरामचरितमानस की एक-एक प्रति उपहार में प्रदान की गई.

इसी क्रम में पहले मंदिर निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत बसंत पंचमी के दिन ग्राम बालवाडीह पंचायत जाड़ेया प्रखंड सोनहातू में एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया गया. इस अवसर पर लगभग 1000 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली और राड़ू नदी व स्वर्ण रेखा नदी के संगम स्थल से अभिषेक हेतु स्नान ध्यान के पश्चात पवित्र जल कलश में लेकर चार किलोमीटर पैदल चलकर सभी जलूस की शक्ल में बलवाडीह राम मंदिर निर्माण स्थल पर पहुंचे.

कलश यात्रा के आगे आगे भक्तवेदांत विद्याभवन कुटाम के 50 से अघिक बाल ब्रह्मचारी अपने गुरु स्वामी सुबल दास जी के साथ संकीर्तन कर रहे थे,निर्माण स्थल पर हजारों ग्रामीणों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वामी सुबल दास जी ने पूजा की और गुरुकुल के बच्चों के द्वारा भव्य हरी कीर्तन किया गया. रांची से आये प्रकाश बजाज व कृष्ण कुमार गाड़ोदिया ने मधुर कंठ से ग्रामीणों के साथ भजन प्रस्तुत किये।

विश्व हिंदू परिषद सेवा विभाग के प्रांतीय सह संयोजक अशोक कुमार अग्रवाल एवं प्रवक्ता संजय सर्राफ ने बताया की सेवा विभाग द्वारा इस वर्ष सिल्ली, बुंडू, सोनहातू, राहे, तमाड़ और ईचागढ़ प्रखंडों में 5 से अधिक श्री राम मंदिर निर्माण और 5 से अघिक गुरुकुल आश्रम के लिये भूमि उपलब्ध कराने की योजना है. इस काम को गति देने और पूरे पचपरगना क्षेत्र को रामभक्ति में सराबोर करने के लिए 201 से अधिक 15 से 21 रामभक्तों को लेकर रामायण मंडलियों के गठन का प्रयास किया जा रहा है. पहले चरण में उपरोक्त पांचो प्रखंडों के 104 से अधिक ग्रामों से चयनित और गठित रामायण मंडलियों के बीच एक-एक बड़े आकार (40सेमी.×25सेमी.) की तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस की प्रति, उसको रखकर पढने के लिये बड़े आकार का रेहल व लाल और पीले रंग के पापलीन कपड़े का बंधना वितरित किया गया.

ग्रामीणों के उत्साह को देखते हुए संख्या 501 मंडलियों के गठन तक बढ़ाई जा सकती है।स्वामी सुबल दास जी ने भक्तिवेदांत विद्याभवन के प्रमुख स्वामी गदाधर जी की ओर से बताया कि गुरुकुलों में व्यवहारिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक शिक्षा बच्चों को निःशुल्क दी जाये यही उद्देश्य है. क्षेत्र में पांच स्थान उपलब्ध होने पर गुरुकुल आश्रमों की स्थापना भक्ति वेदांत विद्या भवन के माध्यम से की जाएगी. नैतिक और व्यवहारिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक शिक्षा पद्धति से बच्चों के जीवन में उच्च संस्कारों का समावेश हो और सभी बच्चे जीवन के हर क्षेत्र में बढ़ सकें यही लक्ष्य है.

अभी कुटाम (गोला-सिल्ली रोड़) स्थित आश्रम में 392 बच्चे निबंधित हो चुके हैं. देश में चल रहे भक्ति वेदांत विद्याभवन के 17 से अधिक आश्रमों में रहकर निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, वैदिक शिक्षा के साथ-साथ उनको झारखंड बोर्ड के अनुरूप भी शिक्षा दी जा रही है. एडमिशन के लिए कक्षा 5 अथवा 11 वर्ष का होना अनिवार्य है.

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