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इथियोपिया में 12 हजार साल बाद फटा ज्वालामुखी, भारत पहुंची राख; कई उड़ानें रद्द

On: November 25, 2025 9:46 AM
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Ethiopia Volcanic Eruption: इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हेली गुब्बी ज्वालामुखी ने 12 हजार साल बाद अचानक रविवार को बड़ा विस्फोट किया। इस प्राचीन और लंबे समय से शांत पड़े ज्वालामुखी के फटने से भारी मात्रा में राख और सल्फर डाइऑक्साइड का गुबार 15 किमी से अधिक ऊंचाई तक उठ गया। हवाओं के रुख के साथ यह राख लाल सागर पार करते हुए यमन और ओमान तक फैल गई।

4300 किमी दूर दिल्ली तक पहुंचा राख का बादल

सोमवार देर रात करीब 11 बजे यह राख इथियोपिया से लगभग 4300 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली के आसमान पर भी छा गई। इंडिया मेट स्काई वेदर अलर्ट के मुताबिक राख का गुबार भारत में जोधपुर–जैसलमेर की दिशा से प्रवेश कर चुका है और अब उत्तर–पूर्व की ओर बढ़ रहा है। यह बादल राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के बड़े हिस्से में फैल चुका है। इसका एक हिस्सा गुजरात को छू सकता है, जबकि रात के दौरान पंजाब, पश्चिमी यूपी के पहाड़ी इलाकों और हिमाचल प्रदेश में भी असर दिखने की आशंका जताई गई है।

आम लोगों पर असर सीमित, लेकिन आसमान दिख सकता है रंग-बिरंगा

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि राख बहुत ऊंचाई पर मौजूद है, इसलिए आम लोगों की दिनचर्या पर इसका बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, हल्की राख गिरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।


यमन–ओमान में एडवाइजरी

विस्फोट में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। यमन और ओमान की सरकारों ने अपने नागरिकों को सावधान रहने की सलाह दी है, खासकर अस्थमा या सांस की समस्या वाले लोगों को।

फ्लाइट ऑपरेशंस पर असर: कई उड़ानें रद्द

ज्वालामुखीय राख विमान इंजनों के लिए गंभीर खतरा मानी जाती है। राख के कण इंजन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए अंतरराष्ट्रीय एविएशन प्रोटोकॉल लागू कर दिए गए हैंदिल्ली–जयपुर समेत कई हवाई मार्गों पर एयरलाइंस निगरानी बढ़ा चुकी हैं। अकासा एयर, इंडिगो, KLM ने एहतियात के तौर पर कई उड़ानें रद्द कर दी हैं।

DGCA की एडवाइजरी

भारत के DGCA ने एयरलाइंस व एयरपोर्ट ऑपरेटरों के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। भारत के ऊपर मौजूद राख की ऊंचाई काफी ज्यादा है, इसलिए टेकऑफ और लैंडिंग को तत्काल बड़ा खतरा नहीं। यदि किसी विमान को राख के संपर्क का जरा भी संदेह हो जैसे इंजन परफॉर्मेंस में बदलाव, केबिन में धुआं या बदबू,
विंडशील्ड पर परत तो इसकी जानकारी तुरंत DGCA को देनी होगी। यदि राख एयरपोर्ट ऑपरेशन को प्रभावित करती है, तो रनवे, टैक्सीवे और एप्रन की तुरंत जांच अनिवार्य होगी। सभी एयरलाइंस और एयरपोर्ट को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

12 हजार साल बाद सक्रिय हुआ रहस्यमय ज्वालामुखी

हेली गुब्बी ज्वालामुखी इतना पुराना और शांत रहा है कि इसके विस्फोटों का कोई ऐतिहासिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था। वैज्ञानिक इसे पूर्वी अफ्रीका के सबसे कम सक्रिय ज्वालामुखियों में गिनते रहे थे। अचानक हुए विस्फोट ने क्षेत्र की ज्वालामुखीय गतिविधियों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं और शोधकर्ताओं ने इसकी विशेष निगरानी शुरू कर दी है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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