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128 साल बाद मेडागास्कर के राजा की वापसी: फ्रांस ने मेडागास्कर के राजा की खोपड़ी लौटाई, औपनिवेशिक अतीत से जुड़ा दर्दनाक अध्याय फिर आया सामने

On: August 27, 2025 10:57 PM
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पेरिस/एंटानानारिवो: फ्रांस ने मंगलवार को मेडागास्कर को तीन मानव खोपड़ियाँ लौटा दीं, जिन्हें औपनिवेशिक काल के दौरान वहां से लेकर पेरिस के नेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ नेचुरल हिस्ट्री में रखा गया था। इनमें से एक खोपड़ी के बारे में माना जा रहा है कि वह मालागासी राजा टोएरा की है, जिन्हें 1897 में फ्रांसीसी सैनिकों ने एक हिंसक अभियान के दौरान मार डाला था। उनकी हत्या के बाद उनका सिर काटकर फ्रांस ले जाया गया था।

एक संयुक्त वैज्ञानिक दल ने पुष्टि की है कि ये खोपड़ियाँ सकलावा समुदाय से संबंधित हैं। हालांकि यह केवल अनुमान लगाया गया है कि इनमें से एक राजा टोएरा की ही है। ये अवशेष रविवार को मेडागास्कर वापस भेजे जाएंगे, जहाँ उन्हें पूरे सम्मान के साथ दफनाया जाएगा।

औपनिवेशिक हिंसा की विरासत

राजा टोएरा की हत्या और उनके सिर को फ्रांस ले जाना औपनिवेशिक शासन की हिंसा का प्रतीक रहा है। एक सदी से भी अधिक समय तक, यह खोपड़ी और अन्य अवशेष संग्रहालय में “पूर्व उपनिवेशों के हजारों मानव अवशेषों” के संग्रह का हिस्सा बनी रही।

फ्रांस की संस्कृति मंत्री रचिदा दाती ने इस अवसर पर कहा कि,
“ये खोपड़ियाँ ऐसी परिस्थितियों में पहुँची थीं जो मानवीय गरिमा का हनन करती थीं। यह औपनिवेशिक शासन की हिंसा का प्रमाण है।”

वहीं, मेडागास्कर की संस्कृति मंत्री वोलामिरांती डोना मारा ने इस हस्तांतरण को “एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम” करार दिया और कहा कि इन अवशेषों की अनुपस्थिति ने 128 वर्षों से मालागासी लोगों के दिलों में “एक खुला घाव” छोड़ रखा था।

फ्रांस का बदलता रुख

2023 में पारित नए कानून के बाद यह मानव अवशेषों की पहली आधिकारिक वापसी है। पहले फ्रांस में प्रत्येक मामले के लिए संसद से विशेष बिल पास कराना पड़ता था, जिससे यह प्रक्रिया बेहद धीमी रही।

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2017 में सत्ता संभालने के बाद अफ्रीका में फ्रांस की कुछ गलतियों को स्वीकारने की दिशा में पहल की है। इस साल की शुरुआत में मेडागास्कर की राजधानी एंटानानारिवो की यात्रा के दौरान उन्होंने देश के “खूनी और दुखद” उपनिवेशीकरण के लिए क्षमा भी मांगी थी।

सांस्कृतिक विरासत की वापसी

फ्रांस अपने औपनिवेशिक अतीत से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत और मानव अवशेषों को लौटाने की प्रक्रिया में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहा है। 2002 में दक्षिण अफ्रीका को सारा बार्टमैन के अवशेष लौटाए गए थे, जिनका 19वीं सदी में यूरोप में शोषण हुआ था।
हाल के वर्षों में अफ्रीकी देशों को कई लूटी गई कलाकृतियाँ भी वापस की गईं। पेरिस के म्यूज़ी डे ल’होम में अभी भी लगभग 30,000 मानव अवशेष मौजूद हैं, जिनमें से एक-तिहाई खोपड़ियां और कंकाल हैं। ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और कई अन्य देशों ने भी अपने पूर्वजों के अवशेषों की वापसी की मांग की है।

फ्रांस ने नाजियों द्वारा चुराई गई कलाकृतियों को लौटाने के लिए अलग कानून पास किया है। वहीं, एक और प्रस्तावित कानून 1815 से 1972 के बीच औपनिवेशिक काल में लूटी या जबरन छीनी गई सांस्कृतिक वस्तुओं को वापस करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

राजा टोएरा की खोपड़ी और अन्य अवशेषों की वापसी को मेडागास्कर के लोग सिर्फ एक ऐतिहासिक कदम ही नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान की दिशा में देर से उठाया गया कदम मान रहे हैं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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