एजेंसी: नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक विद्रोह किस ओर जाएगा यह तो भविष्य ही बताएगा। नेपाल को मिलिट्री के हवाले कर दिया गया है और मिलिट्री ने आग जनी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद सत्ता का समीकरण पूरी तरह बदलता दिख रहा है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) के अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री रवि लामिछाने जेल से रिहा होकर अचानक सुर्खियों में आ गए हैं और कथित रूप से वे पीएम की रेस में भी शामिल होगए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिहाई भी किसी सामान्य प्रक्रिया से नहीं, बल्कि Gen-Z आंदोलन की ताकत से हुई। युवाओं के उग्र प्रदर्शनों के बीच सरकार को झुकना पड़ा और लामिछाने जेल से बाहर आ गए। उनकी रिहाई के बाद हालात इतने बिगड़े कि ललितपुर की नक्खू जेल से करीब 1500 कैदी फरार हो गए। यह नेपाल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है और सियासी संकट को और गहरा कर गया है।
कौन हैं रवि लामिछाने?
रवि लामिछाने नेपाल की राजनीति का जाना-माना नाम हैं। रवि लामिछाने नेपाल के पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री रह चुके हैं। रवि लामिछाने? राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) के अध्यक्ष हैं।
रवि लामिछाने का सफर बेहद दिलचस्प है। कभी टीवी स्क्रीन पर जनता की आवाज उठाने वाले एंकर, फिर भ्रष्टाचार विरोधी कार्यक्रमों के जरिए लोकप्रियता पाने वाले एक्टिविस्ट, और अब नेपाल की राजनीति के सबसे बड़े दावेदार बन गए हैं।
2016-17 के दौरान रवि लामिछाने का शो “सीधा कुरा जनता संग” ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई। भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय पर उनकी बेबाकी ने उन्हें युवाओं का चहेता नेता बना दिया।
2022 में रवि लामिछाने ने राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) बनाई और पहले ही चुनाव में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए प्रतिनिधि सभा की 20 सीटें जीत लीं। नतीजा, वे सत्ता गठबंधन में शामिल हुए और डिप्टी पीएम व गृह मंत्री तक बने।
रवि लामिछाने का नागरिकता विवाद और राजनीतिक झटका
रवि लामिछाने की रफ्तार को नागरिकता विवाद ने रोका। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने अमेरिकी नागरिकता ली थी और नेपाल की नागरिकता खो बैठे। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2023 में उनकी सांसदी रद्द कर दी। इसके बाद उन्हें डिप्टी पीएम और गृह मंत्री पद छोड़ना पड़ा।
हालांकि लामिछाने ने हार नहीं मानी। दोबारा कानूनी प्रक्रिया पूरी करके नेपाल की नागरिकता हासिल की और फिर अपनी पार्टी की कमान संभाली।
जेल क्यों गए थे रवि लामिछाने!
रवि लामिछाने का नाम कोऑपरेटिव घोटाले में आया। उन पर गबन और आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगे। 2024 में गिरफ्तारी के बाद वे महीनों जेल में रहे। समर्थक इस केस को राजनीति से प्रेरित बताते हैं। उनका कहना है कि भ्रष्ट नेताओं ने लामिछाने की लोकप्रियता से घबराकर उन्हें फंसाया।
Gen-Z आंदोलन और रवि लामिछाने की वापसी
नेपाल के युवाओं ने लामिछाने को “क्लीन पॉलिटिक्स” का प्रतीक मान लिया है। यही वजह रही कि जब उन्हें जेल में डाला गया तो सबसे ज्यादा गुस्सा Gen-Z आंदोलन में दिखा। लगातार विरोध प्रदर्शनों और हिंसक झड़पों के बीच आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और लामिछाने जेल से बाहर आए।
रिहाई के बाद उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि आंदोलन अनुशासित रहे और राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान न पहुंचाया जाए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर सुरक्षा और न्यायिक दस्तावेजों से छेड़छाड़ हुई तो इसका देश को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
नेपाल पीएम की रेस में रवि लामिछाने?
केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल का राजनीतिक भविष्य अधर में है। कई वरिष्ठ नेता दावेदार हैं, लेकिन युवाओं की लहर ने रवि लामिछाने को पीएम पद की रेस में सबसे आगे खड़ा कर दिया है। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत छवि रखते हैं। युवाओं और शहरी तबके का बड़ा समर्थन उनके साथ है। और अब जेल से नाटकीय वापसी ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है।
भारत की चिंता और एडवाइजरी
नेपाल में लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने लोगों को फिलहाल नेपाल यात्रा टालने और पहले से मौजूद भारतीयों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है।












