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चाईबासा: ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार होते होते बची 16 वर्षीय लड़की और मां ने…!

On: June 27, 2025 4:10 PM
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चाईबासा : चाईबासा जिले के नुईया गांव की रहने वाली एक 16 वर्षीय नाबालिक लड़की बाल बाल ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार होने से बची।गुवा थानेदार नीतीश कुमार, डालसा पीएलवी दिल बहादुर, जेएसएलपीएस जेंडर सीआरपी गीता देवी, बाल अधिकार मंच की पदमा केसरी, टाटानगर रेल पुलिस और नोवामुंडी पुलिस की तत्परता से लड़की को टाटानगर स्टेशन से रेस्क्यू कर शुक्रवार को परिजनों को सौंपा गया।

इस मौके पर मां ने जब गुवा थाना परिसर में अपनी 16 साल की बेटी को सही-सलामत अपने सामने देखा, तो उसकी आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नोवामुंडी की एक महिला उसी बेटी को नौकरी का झांसा देकर चेन्नई ले जा रही थी। गांव की दो सहेलियों ने महिला पर शक कर समय रहते सतर्कता दिखाई और परिजनों को सूचना दी, जिससे पुलिस को कार्रवाई का मौका मिला। पूछताछ में सामने आया कि लड़की को चेन्नई ले जाकर घरेलू नौकरानी या होटल में काम दिलाने का झांसा दिया गया था।

सूत्रों के अनुसार, 26 जून को टाटानगर स्टेशन से 16 अन्य युवतियों को भी रेस्क्यू किया गया। घटना के बाद नुईया, नोवामुंडी और आसपास के गांवों में आक्रोश है। थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने ग्रामीणों से अपील की कि किसी बाहरी व्यक्ति पर आंख मूंदकर विश्वास न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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