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रांची: 16वें वित्त आयोग की टीम चार दिवसीय दौरे पर बुधवार को रांची पहुंची। टीम के सदस्यों ने मुख्यमंत्री आवास जाकर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के साथ मुलाकात की तथा झारखंड दौरे के कार्यक्रमों, बैठकों एवं उद्देश्यों पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने 16वें वित्त आयोग के सदस्यों को अवगत कराया कि झारखंड की भौगोलिक संरचना ऐसी है जहां जमीनी स्तर तक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं तथा सेवाओं को पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि झारखंड एक खनन राज्य होने के नाते देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान देता है। परंतु यह राज्य पर्यावरण ह्रास, लोगों के विस्थापन, भूमि क्षेत्र की हानि आदि जैसी नकारात्मक चीजों का सामना करता है। मुख्यमंत्री ने 16वें वित्त आयोग के सदस्यों से कहा कि अगर भारत को विकसित बनाना है, तो उसके लिए पहले राज्यों को विकसित करना होगा। और राज्य का विकास तभी होगा जब गांवों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हर क्षेत्र में समान विकास के लिए गांवों पर खास ध्यान देना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य की ज़रूरतें अलग होती हैं, इसलिए उन्हें अपने लोगों की ज़रूरतों के हिसाब से पैसे खर्च करने की आजादी मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान दे रही है, क्योंकि झारखंड की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है। राज्य ने मछली पालन के क्षेत्र में भी अच्छा काम किया है और खेती में आगे बढ़ने की बहुत संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लगातार और संतुलित विकास उनकी सरकार की प्राथमिकता है। समाज के सभी वर्गों और समुदायों के विकास के लिए वित्त आयोग से सहयोग की उम्मीद है। खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका जैसे जरूरी क्षेत्रों में विशेष काम करने की जरूरत है। इस मौके पर राज्य के वित्त मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर और राज्य सरकार के वरीय अधिकारी मौजूद थे।