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पाकिस्तान आत्मघाती हमले से दहला, 22 की मौत, 40 घायल

On: September 3, 2025 9:26 AM
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पाकिस्तान: आत्मघाती आतंकी हमले से पाकिस्तान दहल गया है।मंगलवार को तीन घातक हमले में 22 लोगों की मौत हो गई है।

अधिकारियों के मुताबिक इन हमलों में एक आत्मघाती हमला बलूचिस्तान की रैली में हुआ, जिसमें एक हमलावर द्वारा खुद को उड़ा लेने की वजह से कम से कम 11 लोग मारे गए.अधिकारियों ने बताया कि राजधानी क्वेटा के एक स्टेडियम के पार्किंग एरिया में हुए विस्फोट में 40 लोग घायल हो गए. उन्होंने बताया कि पार्किंग एरिया में बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (BNP) के कई सदस्य मौजूद थे.

बलूचिस्तान में हुआ हमला

ईरान की सीमा से सटे हुए प्रांत बलूचिस्तान में मंगलवार को हुए एक अन्य हमले में पांच लोगों की जान चली गई और चार लोग घायल हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि जब उनका काफिला ईरान की सीमा के पास एक जिले से गुजर रहा था तभी एक घरेलू बम विस्फोट हुआ, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई. इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी समूह ने नहीं ली है.

खैबर पख्तूनख्वा में आत्मघाती हमला

जानकारी के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में उनके अड्डे पर हुए आत्मघाती हमले में छह सैनिक मारे गए. एक अधिकारी ने बताया कि एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी को एफसी शिविर गेट से टकरा दिया, जिसके बाद पांच आत्मघाती हमलावर अंदर घुस गए. अधिकारी ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि इसके बाद 12 घंटों तक गोलीबारी चली. उन्होंने बताया कि इस गोलीबारी में 6 हमलावर मारे गए. अधिकारी ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी समूह इत्तेहाद-उल-मुलजाहिदीन पाकिस्तान ने ली.

इस साल हो चुकी कई मौतें

न्यूज रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से अब तक बलूचिस्तान और उसके पड़ोसी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में राज्य के खिलाफ लड़ रहे सशस्त्र समूहों द्वारा की गई हिंसा में 430 से अधिक लोग मारे गए हैं. मारे गए लोगों में अधिकांश सुरक्षा बलों के सदस्य हैं. पाकिस्तानी सेना लगभग एक दशक से भी अधिक समय से इस प्रांत में उग्रवाद से जूझ रही है और 2024 में इस क्षेत्र में हिंसा कई गुना बड़ी है, जिसमें 782 लोग मारे गए.

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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