मदुरै/रांची: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की 24 वीं अखिल भारतीय कांग्रेस महाधिवेशन, मजदूर वर्ग और कम्युनिस्ट आंदोलन के परंपरागत गढ़ और तमिल संस्कृति की गौरवशाली इतिहास को समेटे तमिलनाडु के मदुरै शहर में आज से प्रारंभ हो गई. मदुरै 6ठी शताब्दी में निर्मित प्राचीन मीनाक्षी – सुंदरेश्वर मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है. इस शहर को इस बात का गर्व है कि इसने देश के कम्युनिस्ट आंदोलन के इतिहास में तीन बार कम्युनिस्ट पार्टी के महाधिवेशन के आतिथ्य की जिम्मेवारी पूरी की है.
आजाद भारत में कम्युनिस्ट पार्टी ने यहां से 6 बार सांसद चुन कर भेजा है वर्तमान में भी यहाँ की लोकसभा सीट सीपीएम ने जीती है. एक जबर्दस्त उत्सवी माहौल में सीपीएम की 24 वीं अखिल भारतीय पार्टी कांग्रेस की शुरुआत पार्टी के वरिष्ठ नेता विमान बोस द्वारा लाल झंडा फहराए जाने और शहीद वेदी पर माल्यार्पण किए जाने के साथ हुई. त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री मानिक सरकार की अध्यक्षता में संपन्न हुए महाधिवेशन के खुले सत्र में पोलिट ब्यूरो सदस्य बृन्दा कारात द्वारा शोक प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद स्वागत समिति के अध्यक्ष के. बालकृष्णन ने स्वागत वक्तव्य रखा. जिसके बाद पार्टी के समन्वयक प्रकाश कारात ने पार्टी कांग्रेस के बारे में अपनी बात रखी. खुले सत्र को सीपीआई के महासचिव डी. राजा,भाकपा माले लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य आरएसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य और फारवर्ड ब्लाक के महासचिव देबराजन ने भी संबोधित किया. पार्टी कांग्रेस में पुरे देश से 1हजार से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं जो अगले पांच दिनों तक पार्टी को एक सशक्त और जनोन्मुख पार्टी बनाने तथा देश के सामने मौजूद कार्पोरेट – हिंदुत्व गंठजोड़ के षड्यंत्र को परास्त किए जाने की चुनौतियों से निपटने की कार्ययोजना पर सघन चर्चा करेंगें.