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सिसई: सरस्वती विद्या मंदिर कुदरा में धूमधाम से मनाई गई श्री गुरु गोविंद सिंह की 358वीं जयंती

On: January 6, 2025 4:15 PM
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मदन साहु

सिसई (गुमला): सिसई प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत 6 जनवरी सोमवार को रंजीत नारायण सिंह सरस्वती विद्या मंदिर कुदरा,में सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती भव्यता के साथ मनाई गई। इस अवसर पर प्रधानाचार्य देवेंद्र वर्मा के साथ अभिभावक प्रतिनिधि घनश्याम आर्य एवं सभी आचार्य बंधु भगिनी ने दीप प्रज्वलित करते हुए उनके चित्र पर पुष्पांजलि और माल्यार्पण किया।

अतिथि घनश्याम जी ने भैया- बहनों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए कहा। विद्यालय के अन्य भैया -बहनों ने भी उनके जीवन पर प्रकाश डाला। विद्यालय के आचार्या ममता कुमारी ने भैया बहनों से कहा कि गुरु गोविंद जी का एक मंत्र है – “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं ,तबै गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊं”।  इस मंत्र को हमेशा याद रखना चाहिए। क्योंकि आज कंपीटिशन का समय है और लाखों लोगों की बेरोजगारी है। इससे आपको लड़ना होगा।इस अवसर पर साइंस ओलंपियाड फेडरेशन द्वारा प्रदत्त डायरी सभी आचार्यों को उपहार स्वरूप दिया गया। मंच का संचालन कक्षा दशम की बहन स्वाति रानी ने किया।

प्रधानाचार्य ने अतिथि परिचय कराते हुए गुरु गोविंद सिंह जी के बलिदान को स्मरण कराते हुए उन्होंने बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने अपना जीवन देश और धर्म के लिए न्योछावर कर दिए। साथ ही उनका समस्त परिवार भी देश और धर्म के लिए शहीद हो गए। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की जिसे हम सीख धर्म के नाम से भी जानते हैं। सिखों की पहचान के लिए उन्होंने पंच ककार यानी केस, कंघी, कृपाण, कच्छा और कड़ा धारण करने के लिए कहा। जो आज भी सीख समुदाय के लोग धारण करते हैं। वही सिखों के अंतिम गुरु हुए। उसके बाद गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु बना दिया गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के आचार्य  कमल सिंह, कौशल्या रानी, ममता कुमारी, सरिता मुखर्जी, नाथू भगत, जितेंद्र कुमार एवं समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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