रांची: झारखंड से सऊदी अरब काम करने गए गिरिडीह हजारीबाग और बोकारो जिले के तकरीबन 45 मजदूरों के 5 महीने से बगैर वेतन से फंसे होने की खबर से हड़कंप मच गया है। भूखमरी के कगार पर पहुंचे मजदूरों ने वीडियो जारी कर भारत सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि उनसे जबरदस्ती काम कराया जाता है वेतन मांगने पर जेल में डालने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने बकाया वेतन भुगतान करने और वतन वापसी करने की मांग की है। देखें मजदूरों ने क्या कहा
मजदूरों का आरोप है कि काम के बदले कंपनी पांच महीने से मजदूरी नहीं दे रही है। इससे इन मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है।मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सरकार से वतन वापसी की और बकाया मजदूरी के भुगतान की भी मांग की है।
इस वीडियो में एक मजदूर कह रहा है कि हम 11 मई 2023 को सऊदी अरब आए थे।कमर्शियल टेक्नोलॉजी प्लस कंपनी हमें सऊदी अरब लेकर आई थी। हम लोग 55 हजार रुपये की कमीशन देकर यहां थे।भारत से सऊदी अरब ले जाते समय हमारे साथ एग्रीमेंट किया गया था कि लाइनमैन को 1500 रियाल, ओवरनाइट का 700 रियाल का वादा किया था. हम यहां सात महीने से काम कर रहे हैं, जिसमें से हमें सिर्फ दो महीने का वेतन दिया गया है. हमें बकाया नहीं दिया जा रहा है. अगर हम उनसे बकाये की मांग करते हैं तो हमसे जबरदस्ती काम कराया जाता है और जेल में डालने की धमकी दी जाती है।
प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली ने भारत सरकार एवं झारखंड सरकार से मजदूरों की मदद करने की अपील की है।
उन्होंने कहा है कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।लोग रोजी-रोटी की तलाश में विदेश जाते हैं, वहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं।ऐसे हालात में मजदूर बड़ी मुश्किल से अपने वतन लौट पाते हैं। सरकार को मजदूरों का पलायन रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है।