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Boat capsized in Yeman: यमन के अबयान प्रांत के तट पर 3 अगस्त 2025 को प्रवासियों से भरी एक नाव डूब गई। नाव में 154 लोग सवार थे, जो सभी इथियोपिया से सऊदी अरब की ओर रोजगार की तलाश में जा रहे थे। अब तक 68 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 74 लोग लापता हैं। हादसा अदन की खाड़ी में रविवार तड़के हुआ। केवल 12 लोगों को बचाया जा सका है, जिनमें 9 इथियोपियाई और 3 यमनी नागरिक शामिल हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने यमन में प्रवासियों की नाव डूबने की घटना को हाल के वर्षों की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक बताया है। बचाव कार्य जारी है, लेकिन इस घटना ने एक अहम सवाल खड़ा कर दिया है—अफ्रीकी लोग यमन जैसे अस्थिर और संघर्षग्रस्त देश का रास्ता क्यों चुनते हैं? इसका कारण सिर्फ आर्थिक नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक और राजनीतिक पहलू भी शामिल हैं।

यमन के अबयान सुरक्षा निदेशालय ने कहा कि खोज और बचाव अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है, और तट के कई हिस्सों से शव मिले हैं, जिससे अंदेशा है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। IOM ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में यमन तट पर नाव डूबने की कई घटनाएं हुई हैं। मार्च 2024 में ही यमन और जिबूती के बीच चार नावें डूब गई थीं, जिनमें दो प्रवासियों की मौत हुई थी और 186 लापता हो गए थे। यह आंकड़े इस क्षेत्र में जारी मानवीय संकट को दर्शाते हैं।

यमन में वर्षों से जारी गृहयुद्ध के बावजूद यह अफ्रीका से खाड़ी देशों की ओर जाने वाले प्रवासियों के लिए एक मुख्य मार्ग बना हुआ है। तस्कर जर्जर और भीड़-भाड़ वाली नावों से प्रवासियों को खतरनाक समुद्री रास्तों से ले जाते हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ती है। हाल ही में कई नाव दुर्घटनाओं में सैकड़ों प्रवासी मारे गए या लापता हुए हैं। IOM के अनुसार, 2024 में यमन पहुंचने वाले प्रवासियों की संख्या 60,000 रही, जो 2023 की तुलना में कम है, संभवतः बढ़ी हुई समुद्री निगरानी के कारण। इसके बावजूद, प्रवासियों के लिए खतरा बना हुआ है और ऐसी त्रासदियां लगातार सामने आ रही हैं।