शूटर अमन सिंह हत्याकांड, लापरवाही मामले में जेलर मुस्तकीम अंसारी समेत 8 सस्पेंड
धनबाद: धनबाद मंडल कारा में मारपीट और सरेआम फायरिंग के साथ-साथ शूटर अमन सिंह की सनसनीखेज हत्या के मामले में एक और हाईकोर्ट भी गंभीर हो गया है । हाई कोर्ट ने आईजी जेल को तलब कर लिया है और कोर्ट की कार्रवाई में वर्चुअल जवाब देने को कहा है। मामला नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन तक भी पहुंच गया है।दूसरी ओर सरकार ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जेलर मुस्तकीम अंसारी सहित आठ लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। जेल आईजी उमाशंकर सिंह ने जेलर समेत पांच कक्षपालों को सस्पेंड कर दिया है।इसके अलावा दो एक्स आर्मी मैन कक्षपालों की संविदा समाप्त कर दी है।
बताया जाता है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत बोकारो चंद्रपुरा तेलो निवासी सुंदर महतो नाम बदलकर धनबाद जेल गया था जबकि उसका असली नाम रितेश यादव बताया जा रहा है। जिस पर ही अमन सिंह की हत्या का आरोप है। जिसे पुलिस ने न्यायालय में अर्जी देकर रिमांड पर लिया है। पुलिस ने उसे 10 दिनों की रिमांड पर लेने की अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने आरोपी सुंदर महतो के पांच दिनों की रिमांड को स्वीकृती दी।
बता दें कि मंडल कारा धनबाद में रविवार 3 दिसंबर को जेल के अंदर गोलीबारी की एक घटना में हॉस्पिटल वार्ड में संसिमित कैदी अमन सिंह की गोली लगने से मृत्यु हो गयी। गोली मारने वाले की पहचान सुंदर महतो के रूप में की गयी है।
घटना के तुरंत बाद मौके पर जिला के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, धनबाद जिला प्रशासन के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं पुलिस बल के साथ पहुँचे एवं स्थिति को नियंत्रण में लेते हुए अविलंब घायल कैदी अमन सिंह को एसएनएमएमसीएच में बेहतर इलाज के लिए भेज गया, जहाँ डॉक्टर द्वारा कैदी अमन सिंह को अमृत घोषित कर दिया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमन सिंह को जिस पिस्टल से गोली मारी गई थी, वह दो पिस्टल घटना के करीब 24 घंटे बाद धनबाद जेल परिसर के बाहर दक्षिणी छोर पर स्थित बिजली ऑफिस के बगल की झाड़ी में मिले।
वहीं जिला प्रशासन एवं जेल प्रशासन द्वारा अलग अलग टीम बनाकर सभी वार्डो, सेलो एवं पूरे परिसर की सघन तलाशी ली गयी। तलाशी की दौरान छह मोबाइल और 18000 रूपए बरामद हुए।
के अलावा इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को स्वत संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है और मामले को सुनवाई के लिए मंगलवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मंगलवार को कारा महानिरीक्षक को वर्चुअल रूप से अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत ने पूछा है कि जेल में हथियार कैसे पहुंच गए। जेल की सुरक्षा में चूक के क्या कारण हैं।
इधर खबरों के मुताबिक जिला एवं जेल प्रशासन द्वारा कैदियों में आपसी टकराव एवं गैंगवार की संभावना को देखते हुए अलग अलग गुटों के कैदियों को फ़ौरन अलग अलग सेल में संसिमित किया गया।
जिला प्रशासन द्वारा एडीएम लॉ एंड आर्डर, अपर समाहर्ता, सिटी एसपी की त्रिस्तरीय समिति बनाकर सम्पूर्ण घटनाक्रम एवं सुरक्षा में चूक की जांच के लिए निर्देशित किया गया है।राज्य स्तर से कारा निरीक्षणालय के द्वारा सहायक कारा महानिरीक्षक – 1, सहायक कारा महानिरीक्षक – 2 एवं विशेष कार्य पदाधिकारी, कारा निरीक्षालय की त्रिस्तरीय समिति बनाकर जांच के लिए निर्देशित किया गया है।
बताया जाता है कि जिला प्रशासन द्वारा सीसीटीवी फुटेज की जांच एवं वार्डो / सेलो में सघन छापेमारी के लिए 24 x 7 तीन टीम का गठन कर मंडल कारा में प्रतिनियुक्त किया गया है।
सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान उक्त घटना में प्रयुक्त हथियार को ट्रेस करते हुए कारा परिसर से दो पिस्टल बरामद किए गए हैं। उक्त घटनाक्रम में कुल 4 प्राथमिकी दर्ज की गई है। साथ ही हॉस्पिटल वार्ड में घटनास्थल की बेरीकेडिंग करते हुए उसे सेनीटाइज कर दिया गया है।
जेल प्रशासन के द्वारा वैसे पदाधिकारी/कर्मी को चिन्हित किया गया है जिनकी लापरवाही से उपरोक्त घटना घटित हुई। इसे गंभीर चूक मानते हुए उक्त घटनाक्रम में लापरवाही बरतने वाले 2 कक्षपालों (एक्स आर्मी मैन) की संविदा रद्द कर दी गई है। वहीं 5 कक्षपालों को निलंबित करते हुए इन्हें केंद्रीय कारागार हजारीबाग में उनका मुख्यालय निर्धारित करते हुए विभागीय कार्रवाई के अधीन रखा गया है। मंडल कारा धनबाद में कक्षपालों की कमी को देखते हुए 7 कक्षपालों को अन्यत्र जेल से मंडल कारा धनबाद में पद स्थापित किया गया है।
वहीं जेलर, मंडल कारा, धनबाद – मो. मुसत्कीम अंसारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं स्थानांतरित करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया गया है।मंडल कारा, चतरा के जेलर को तत्काल प्रभाव से मंडल कारा, धनबाद के जेलर के रुप में पदस्थापित किया गया है।
खबर है कि मृतक कैदी अमन सिंह के शव के पोस्टमार्टम के लिए उपायुक्त, धनबाद के द्वारा विशेष मेडिकल टीम का गठन किया गया एवं 4 दिसंबर को पोस्टमार्टम की कार्रवाई सम्पन्न करते हुए मृतक के शरीर को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।
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