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गारू: डांडकोचा सरनाधाम आश्रम में 80 बच्चों को मिले नए ट्रैकसूट

On: December 9, 2025 7:20 PM
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निरंजन प्रसाद

गारु: मायापुर पंचायत के डांडकोचा स्थित सरनाधाम आश्रम सह अनाथालय में बुधवार का दिन मानवता की एक अनोखी मिसाल बन गया। कड़ाके की ठंड के बीच आश्रम में रह रहे लगभग 80 अनाथ एवं अत्यंत गरीब बच्चों के लिए यह दिन किसी उत्सव से कम नहीं रहा। आश्रम परिसर में ट्रैकसूट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें समाजसेवी विवेक अग्रवाल और बारेसांड के फॉरेस्टर परमजीत तिवारी ने मिलकर बच्चों को नए, गर्म और आरामदायक ट्रैकसूट प्रदान किए।

जैसे ही बच्चों के हाथों में ट्रैकसूट पहुंचे, उनके मासूम चेहरों पर खिली मुस्कान ने पूरे माहौल को भावनाओं से भर दिया। कई बच्चों ने ट्रैकसूट वहीं पहन लिए और खुशी से झूमते नजर आए।

कार्यक्रम में आश्रम के संचालक एवं मायापुर पंचायत के लोकप्रिय मुखिया सुभाष सिंह, आचार्य जी सहित आश्रम से जुड़े सभी सदस्यों ने इस सराहनीय पहल का स्वागत किया। संचालक सुभाष सिंह ने कहा कि ऐसे कार्य न केवल बच्चों की आवश्यकताएँ पूरी करते हैं, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और मानवीय मूल्यों को भी मजबूत करते हैं।

इस अवसर पर फॉरेस्टर परमजीत तिवारी ने कहा,
“जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान लाने से बड़ा कोई धर्म नहीं। सक्षम लोगों को आगे बढ़कर सामाजिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”

वहीं समाजसेवी विवेक अग्रवाल ने बच्चों की सहायता को अपने जीवन का सबसे सुखद और संतोषदायक कार्य बताया। उन्होंने आश्वस्त किया कि आगे भी समाज सेवा से जुड़े ऐसे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।

ट्रैकसूट प्राप्त कर बच्चों के चेहरे पर जो उत्साह और सुरक्षा का भाव दिखा, उसने यह सिद्ध कर दिया कि छोटी-सी मदद भी उनके जीवन में बड़ी गर्माहट भर सकती है। डांडकोचा सरनाधाम आश्रम का यह आयोजन आज इंसानियत की एक प्रेरक और हृदयस्पर्शी मिसाल बन गया।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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