रांची: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की एकल पीठ ने चाईबासा सिविल कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में संज्ञान लेने के आदेश को रद्द कर दिया है।
राहुल गांधी की ओर से पेश अधिवक्ता दीपांकर राय ने जानकारी दी कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चाईबासा कोर्ट के संज्ञान आदेश और आरोप गठन को क्वैश (रद्द) कर दिया है और मामले को रिमांड बैक कर दिया गया है।
क्या है मामला?
यह मामला वर्ष 2018 में राहुल गांधी द्वारा एक जनसभा के दौरान भाजपा नेता अमित शाह को लेकर की गई कथित अमर्यादित टिप्पणी से जुड़ा है। इसी टिप्पणी को लेकर चाईबासा के भाजपा नेता प्रताप कुमार कटियार ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
शुरुआत में चाईबासा के वरिष्ठ मजिस्ट्रेट ने शिकायत को खारिज कर दिया था। लेकिन बाद में शिकायतकर्ता ने सत्र न्यायालय में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दाखिल की। सत्र न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद वरिष्ठ मजिस्ट्रेट ने फिर से संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को समन जारी कर दिया था।
कोर्ट में पेशी और जमानत
इस मामले में राहुल गांधी को 6 अगस्त 2025 को चाईबासा की विशेष अदालत में सशरीर उपस्थित होना पड़ा था। उस दिन दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत प्रदान कर दी थी।
हाईकोर्ट पहुंचे थे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने 2 जून 2025 को चाईबासा विशेष अदालत के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें 26 जून को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था। उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि उनके मुवक्किल निर्धारित तिथि पर उपस्थित नहीं हो सकते। इसके बाद उन्होंने पेशी की तारीख 6 अगस्त के बाद निर्धारित करने का अनुरोध किया था, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।
अब हाईकोर्ट द्वारा संज्ञान और आरोप गठन की प्रक्रिया को निरस्त कर दिए जाने के बाद राहुल गांधी को इस मामले में अंतरिम राहत मिल गई है।
राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत, चाईबासा कोर्ट का संज्ञान लेने और आरोप गठन का आदेश रद्द












