पटना: भोजपुरी सिनेमा के चर्चित कलाकार पवन सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही अटकलों पर खुद विराम लगा दिया है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और बीजेपी के नेताओं के साथ उनकी मुलाकातों के बाद यह चर्चा थी कि पवन सिंह इस बार चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन पवन सिंह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से स्पष्ट किया कि उन्होंने न तो किसी पार्टी को जॉइन किया है और न ही उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा है।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी पार्टी को ज्वाइन नहीं किया था और न ही मुझे चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और हमेशा रहूंगा।”
पवन सिंह की यह टिप्पणी चुनावी अटकलों पर विराम तो लगाती है, लेकिन उनके निजी जीवन से जुड़ा मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद अब काफी गंभीर रूप ले चुका है।
ज्योति सिंह ने पवन सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उनके गर्भ के दौरान पवन सिंह ने उन्हें गर्भपात की दवा देने की कोशिश की और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें प्रताड़ित किया गया। इस मानसिक और शारीरिक दबाव के कारण एक बार उन्होंने नींद की गोलियां (स्लीपिंग पिल) खा ली थी, जिसे पवन सिंह के भाई ने समय रहते अस्पताल पहुंचा कर बचाया।
ज्योति सिंह ने अपने आरोपों में यह भी कहा कि “जो व्यक्ति 15 साल से एक पार्टी से जुड़ा होने के बावजूद चुनाव में टिकट नहीं पा सका, वह मुझे क्या टिकट दिलवाएगा।” इस बयान ने विवाद को और सुर्खियों में ला दिया है।
इस बीच, पवन सिंह ने चुनाव और निजी विवाद दोनों पर अपनी चुप्पी और पार्टी के प्रति वफादारी जाहिर की है। हालांकि उनकी पत्नी के आरोपों के बाद यह मामला कानूनी मोड़ ले चुका है और आने वाले समय में मीडिया और जनता की निगाहें इस पर बनी रहेंगी।














