रांची: झारखंड में इस साल का दक्षिण-पश्चिम मानसून सोमवार को आधिकारिक तौर पर विदा हो गया। मौसम विभाग (IMD) ने आधिकारिक रूप से झारखंड से दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई की आधिकारिक घोषणा कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में मानसून 17 जून को पहुंचा था और 13 अक्टूबर तक 118 दिनों तक सक्रिय रहा। इस अवधि में झारखंड में सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जिससे यह पिछले एक दशक में सबसे अधिक वर्षा वाला मानसूनी मौसम बन गया।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया कि 1 जून से 30 सितंबर तक मानसूनी अवधि के दौरान राज्य में कुल 1198.8 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, जबकि सामान्य वर्षा 1022.9 मिमी होती है। भारतीय मौसम विभाग के मानकों के अनुसार, वर्षा में 19 प्रतिशत तक का उतार-चढ़ाव सामान्य माना जाता है। इस वर्ष हुई वर्षा को अत्यधिक बारिश की श्रेणी में रखा गया है।
मानसून के दौरान राज्य के 24 जिलों में से 8 जिलों में सामान्य से अधिक, 15 जिलों में सामान्य और एक जिले में कम वर्षा दर्ज की गई। पूर्वी सिंहभूम जिले में सबसे अधिक 1666.1 मिमी वर्षा हुई, जबकि गोड्डा में सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।
अभिषेक आनंद ने कहा कि इस बार मानसून के दौरान कई बार भारी बारिश हुई, जिससे कुछ क्षेत्रों में जान-माल का नुकसान भी हुआ। मानसून के जाने के साथ ही लोगों को सुबह और शाम हल्की ठंड का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक झारखंड में ठंड का आगमन शुरू हो जाएगा।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, 1 अक्टूबर के बाद होने वाली बारिश को मानसून के बाद की बारिश माना जाता है।
झारखंड में 118 दिनों तक चला मानसून हुआ समाप्त, IMD ने की आधिकारिक घोषणा; राज्य में सामान्य से 23% अधिक बारिश दर्ज












