रांची: सेना और चेशायर होम जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग के आरोपों में जेल में बंद रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन सोमवार को 29 महीने (893 दिन) दि बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, होटवार से जमानत पर बाहर आए।
सुप्रीम कोर्ट ने सेना जमीन घोटाले में उन्हें सशर्त जमानत प्रदान की थी। हालांकि, छवि रंजन को मामले की सुनवाई के दौरान हर अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना अनिवार्य है।
ईडी ने उन्हें चार मई, 2023 को गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में थे। चेशायर होम जमीन घोटाले में पहले ही उन्हें जमानत मिल चुकी थी, लेकिन उस समय उन्होंने जमानत का लाभ नहीं उठाया था। सोमवार को दोनों मामलों में पीएमएलए कोर्ट में एक-एक लाख रुपये का दो बेल बॉंड भरा गया। जमानत में उनकी पत्नी और एक रिश्तेदार गारंटर बने हैं।
सशर्त जमानत के तहत देश छोड़ने से पहले उन्हें कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद छवि रंजन ने पहले झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन 6 अगस्त, 2025 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की, जिसे 10 अक्टूबर, 2025 को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ ने स्वीकार किया।
इस तरह 29 महीने की न्यायिक हिरासत के बाद छवि रंजन अब सशर्त जमानत पर बाहर हैं, लेकिन उनके ऊपर अब भी कानूनी निगरानी और शर्तें बनी हुई हैं।
रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन 29 महीने बाद जेल से रिहा














