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होटवार जेल फिर सुर्खियों में,मनी लॉन्ड्रिंग में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के सेल से चार्जर मिला, कई पर गिरी गाज

On: October 14, 2025 5:22 PM
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रांची: प्रदेश की राजधानी रांची स्थित होटवार जेल अक्सर किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहता है। इसी बीच इस बार एक ऐसी खबर आई जो सुर्खियों में है। जेल में व्यवस्था का अवलोकन करने के लिए न्यायिक समिति ने औचक रेड मारा। इस दौरान मनी लांड्रिंग में बंद ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के अपर डिविजन सेल से मोबाइल का चार्जर बरामद हुआ था।

न्यायिक समिति की टीम की छापेमारी में मोबाइल की बरामदगी तो नहीं हो सकी थी, लेकिन चार्जर की बरामदगी ही जेल के पदाधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई का आधार बना।

न्यायिक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर आईजी जेल सुदर्शन प्रसाद मंडल ने होटवार जेल से जुड़े सभी संबंधितों पर कार्रवाई की है। इस मामले में जिनके विरुद्ध कार्रवाई हो चुकी है, उनमें मुख्य उच्च कक्षपाल अवधेश कुमार सिंह व क्लर्क प्रमिला कुमारी निलंबित हुए हैं।
अनुबंध पर बहाल पूर्व सैनिक मिटकू उरांव व विश्वनाथ उरांव की सेवा समाप्त हुई। इसके अलावा होटवार केंद्रीय कारा के अधीक्षक सुदर्शन मुर्मू व सहायक जेलर देवनाथ राम से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

होटवार जेल में रिश्वतखोरी, कैदियों से दुर्व्यवहार, अनियमितता की शिकायत पर ही कोर्ट के आदेश पर न्यायिक समिति की टीम ने जेल की व्यवस्था का जायजा लिया था।

समिति ने जेल में छापेमारी की तो मंत्री आलमगीर आलम के सेल से मोबाइल का चार्जर मिला और एक कैदी बिना नानवेज की तिथि के मुर्गा खाते मिला। मुर्गा खाने वाले कैदी के बारे में जेल प्रशासन ने न्यायिक समिति को बताया कि कैदी अपने पैसे से कैंटीन से कुछ भी खरीदकर खा सकता है।

जिन जेलों में वीआईपी कैदी हैं, वहां के पदाधिकारी व कर्मियों को व्यवस्था बनाने में परेशानी होती है और वे कार्रवाई के दायरे में आते रहे हैं। मनी लांड्रिंग के मामले में रांची के होटवार स्थित केंद्रीय कारा में बंद कैदियों के मामले में पूर्व में जेल में अनियमितता का मामला उजागर हो चुका है।

पूर्व में कईयों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। अब नया मामला हजारीबाग सेंट्रल जेल में आया है, जिसके बाद वहां की व्यवस्था भी कटघरे में है। छह निलंबित, छह की सेवा समाप्ति के बाद अब एसीबी की हिरासत में जेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह का जाना चर्चा में है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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