Gambling on Diwali: भारत में दीपावली को “प्रकाश का महापर्व” कहा जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। घरों में दीप जलाने से लेकर माता लक्ष्मी की पूजा तक, यह पर्व समृद्धि और सकारात्मकता का संदेश देता है।
दीपावली और जुए की परंपरा
दीपावली के अवसर पर जहां एक ओर लोग लक्ष्मी पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं, वहीं दूसरी ओर जुआ खेलने की परंपरा भी सदियों से चली आ रही है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, दीपावली के अगले दिन यानी अन्नकूट या गोवर्धन पूजा के अवसर पर देवी पार्वती और भगवान शिव ने पासों का खेल खेला था। कहा जाता है कि उस दिन भगवान शिव यह खेल हार गए थे। तब से यह मान्यता प्रचलित है कि जो भी दीपावली की रात जुआ खेलता है, उसके घर में पूरे वर्ष लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
शुभ या अशुभ — क्या कहते हैं धर्मग्रंथ
हालांकि धर्मग्रंथों में जुआ खेलने को निषिद्ध बताया गया है। महाभारत काल के एक प्रसंग के अनुसार, युधिष्ठिर ने दीपावली के दिन ही जुए में सब कुछ हारकर वनवास भोगा था। इस घटना से यह संदेश मिलता है कि जुआ एक विनाशकारी आदत है, जो जीवन को पतन की ओर ले जा सकती है। इसके बावजूद, धार्मिक मान्यताओं में यह भी कहा गया है कि दीपावली की रात महानिशा कहलाती है, जो अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस रात जुए में जीतना आने वाले वर्ष में सौभाग्य और आर्थिक उन्नति का सूचक माना जाता है।
दीपावली 2025 की तिथि और पूजन मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष दीपावली सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक रहेगी।
क्योंकि लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद) में किया जाता है, इसलिए इस वर्ष दिवाली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
दिवाली से पहले धनतेरस 18 अक्टूबर को, गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को और भाईदूज 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
दीपावली केवल एक पर्व नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति का जीवंत उत्सव है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि जीवन में प्रकाश, ज्ञान और सद्भावना का संचार ही सच्ची समृद्धि है। जुए जैसी परंपराओं को यदि मनोरंजन की सीमा तक सीमित रखा जाए तो यह हर्षोल्लास का माध्यम बन सकती हैं, परंतु अति या लोभ इसे विनाश का कारण भी बना सकता है।
इस दीपावली, दीयों की रोशनी से घर के साथ मन को भी उजियारा करें।
दीपावली के दिन जुआ खेलना शुभ है या अशुभ? जानिए कैसे और क्यों शुरू हुई ये परंपरा










