रांची: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को रांची में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान राज्य के पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के बीच संबंध का सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह गठजोड़ राज्य में रंगदारी, टेंडर हेराफेरी, और अवैध कारोबार के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए बनाया गया था।
मरांडी ने कहा कि वह इस पूरे प्रकरण की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की सिफारिश प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर करेंगे। उन्होंने दावा किया कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति “गिव एंड टेक फार्मूले” के तहत की गई थी और उनके कार्यकाल में कई संदिग्ध लेन-देन हुए।
भारत माला प्रोजेक्ट पर वर्चस्व की लड़ाई का आरोप
मरांडी ने कहा कि यह पूरा मामला भारत माला प्रोजेक्ट पर वर्चस्व की लड़ाई से जुड़ा हुआ है। इस परियोजना पर नियंत्रण के लिए अनुराग गुप्ता ने सुजीत सिन्हा को चुना था, जिसमें उनकी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह नेटवर्क पेटी टेंडर, स्टोन चिप्स सप्लाई, जमीन दलाली और रंगदारी जैसे अवैध कारोबारों के जरिए खड़ा किया गया था।
अमन साहू एनकाउंटर पर गंभीर सवाल
मरांडी ने अमन साहू के फर्जी एनकाउंटर का मुद्दा भी उठाया और कहा कि यह वर्चस्व की लड़ाई का ही हिस्सा था। उन्होंने दावा किया कि सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को कई बड़े सुराग मिले हैं।
रिया सिन्हा और अनुराग गुप्ता की चैट से खुलासे
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रिया सिन्हा और अनुराग गुप्ता के बीच हुई व्हाट्सएप चैट में एनकाउंटर की साजिश, पैसों के लेनदेन और रंगदारी वसूली का पूरा ब्योरा दर्ज है। चैट से यह भी स्पष्ट हुआ है कि अनुराग गुप्ता ही ‘कोयलांचल शांति समिति’ के वास्तविक संचालक थे।
रिया सिन्हा से हथियार बरामद
उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर 2025 को पुलिस ने रिया सिन्हा और उनके साथियों को गिरफ्तार किया था। तलाशी के दौरान पुलिस को तीन पिस्टल, सात मैगजीन, 13 गोलियां, एक कार और मोबाइल फोन बरामद हुए थे।
देशव्यापी वसूली नेटवर्क का खुलासा
मरांडी ने यह भी कहा कि सुजीत सिन्हा जेल में रहते हुए भी प्रिंस खान के जरिए कारोबारियों से रंगदारी वसूलता था। यह गिरोह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब मार्ग से आए हथियारों का इस्तेमाल कर देशभर में धमकी और वसूली का नेटवर्क चला रहा था।
सरकार पर गंभीर आरोप
मरांडी ने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अनुराग गुप्ता, जो एक साथ सीआईडी और एसीबी के डीजी थे, उन्होंने जांच के नाम पर कई कारोबारियों को गुमनाम याचिकाओं के माध्यम से ब्लैकमेल किया। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री में हिम्मत है, तो वे अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच करवाएं।
पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के बीच थे संबंध : बाबूलाल मरांडी











