---Advertisement---

लातेहार: 3 छात्राओं पर डायन-बिसाही का आरोप, स्कूल ने दिखाया बाहर का रास्ता

On: November 18, 2025 7:50 PM
---Advertisement---

लातेहार: जिले के बरवाडीह प्रखंड में अंधविश्वास का एक चिंताजनक मामला सामने आया है। सरकार की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद कई क्षेत्रों में अंधविश्वास की जड़ें अभी भी गहरी हैं। ताज़ा मामला एक आवासीय विद्यालय का है, जहां प्रबंधन ने तीन छात्राओं पर डायन-बिसाही का आरोप लगाते हुए उन्हें स्कूल से निकाल दिया।

स्कूल प्रबंधन ने परिजनों को बुलाकर बच्चियों को भेजा घर

जानकारी के अनुसार, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत तीन छात्राओं पर आरोप लगाया गया कि वे रात में डायन-बिसाही जैसी हरकतें करती हैं, जिससे अन्य विद्यार्थी और शिक्षक भयभीत हो जाते हैं। इसी आधार पर प्राचार्य ने परिजनों को स्कूल बुलाया और बच्चियों को घर भेज दिया। परिजन बच्चियों को लगभग आठ दिनों तक घर पर रखे रहे। जब वे उन्हें दोबारा स्कूल छोड़ने पहुंचे, तो स्टाफ ने उन्हें वापस लेने से साफ मना कर दिया। शिक्षक ने परिजनों से कहा कि उनका दाखिला किसी अन्य स्कूल में करा दें। काफी अनुरोध के बावजूद बच्चियों को प्रवेश नहीं दिया गया।

बाल संरक्षण संगठन ने की दखलअंदाजी

मामला गंभीर प्रतीत होने पर परिजनों ने बाल संरक्षण से जुड़े संगठन से संपर्क किया। सूचना मिलते ही सामाजिक कार्यकर्ता रूबी कुमारी विद्यालय पहुंचीं और पूरे घटना क्रम की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक भेज दिया गया है ताकि बच्चियों के साथ न्याय हो सके।

बाल कल्याण समिति व आदिवासी विकास अभिकरण ने शुरू की जांच

मामले की जानकारी उच्च स्तर पर पहुंचते ही लातेहार बाल कल्याण समिति ने इसे संज्ञान में लिया और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी तरह समेकित आदिवासी विकास अभिकरण, जो एकलव्य विद्यालय का संचालन करता है ने भी स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है। दोनों संस्थाएं यह समझने का प्रयास कर रही हैं कि क्या वास्तव में कोई अनुशासनात्मक कारण था, या बच्चियों के साथ अंधविश्वास और भेदभाव के आधार पर अन्याय किया गया।

अंधविश्वास मिटाने की चुनौती कायम

ग्रामीण व आदिवासी इलाकों में अंधविश्वास के खिलाफ अभी व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। विशेष रूप से बच्चों पर इस तरह के आरोप न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं बल्कि उनकी शिक्षा पर भी गंभीर असर डालते हैं।

जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि दोष किसका है। स्कूल प्रबंधन का निर्णय, या अंधविश्वास में जकड़ी गलत धारणाएं। फिलहाल पूरा मामला प्रशासन के रडार पर है और बच्चियों को न्याय दिलाने की कवायद जारी है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now