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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में 28 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 22 पर था 89 लाख का इनाम

On: November 26, 2025 8:03 AM
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नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मंगलवार (25 नवंबर 2025) को सुरक्षा बलों को नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) से जुड़े कुल 28 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 19 महिलाएं शामिल हैं। सरेंडर करने वाले 22 नक्सलियों पर कुल 89 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

विकास योजनाओं और पुनर्वास नीति का असर

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुंदरराज पट्टिलिंगम ने बताया कि राज्य सरकार की ‘नियाद नेल्लनार’ योजना, नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, और बस्तर पुलिस की सामाजिक एकीकरण पहल ‘पूना मरघम’ से प्रभावित होकर इन माओवादियों ने हथियार छोड़े।

‘नियाद नेल्लनार’ का उद्देश्य दूरस्थ इलाकों में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सेवाएँ पहुँचाना है।

‘पूना मरघम’ का लक्ष्य नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी दिलाना है।

IG पट्टिलिंगम ने कहा कि इतने बड़े समूह का एक साथ आत्मसमर्पण DKSZC के संगठनात्मक ढांचे पर बड़ा झटका माना जा रहा है।

आत्मसमर्पण करने वालों में कई हार्डकोर नक्सली शामिल हैं।
सरेंडर करने वाले प्रमुख कैडर:

1. पंडी ध्रुव उर्फ दिनेश (33) – डिवीजनल कमेटी सदस्य

2. दुले मंडावी उर्फ मुन्नी (26) – सैन्य कंपनी-6

3. छत्तीस पोयम (18) – सैन्य कंपनी-6

4. पदनी ओयम (30) – सैन्य कंपनी-6

इन चारों पर 8-8 लाख रुपए इनाम था।

इसके अलावा कई एरिया कमेटी सदस्य भी सरेंडर हुए है:

लखमू उसेंडी (20)

सुकमति नुरेती (25)

सकीला कश्यप (35)

शम्बत्ती शोरी (35)

चैते उर्फ रजिता (30)

बुधरा रावा (28)

इन सभी पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था।


सरेंडर के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को कई हथियार सौंपे:

एक SLR राइफल

एक INSAS राइफल

एक .303 राइफल


“माओवादी विचारधारा का अंत निकट – SP रॉबिन्सन गुरिया

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि साल 2025 में अकेले जिले में 287 माओवादी मुख्यधारा में लौट चुके हैं। उन्होंने कहा, “पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी, केंद्रीय समिति के रामदार, दंडकारण्य के पप्पा राव और बरसे देवा जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं के सामने भी अब हार मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। माओवादी हिंसा और विचारधारा का अंत अब बहुत करीब है।”

बस्तर में बदल रहा माहौल

सुरक्षा बलों के लगातार ऑपरेशन, विकास कार्यों की तेजी और समाज में जागरूकता बढ़ने से पूरा बस्तर क्षेत्र अब नक्सलवाद-मुक्ति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस बड़े आत्मसमर्पण को प्रदेश सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ ऐतिहासिक सफलता के तौर पर देख रही हैं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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