इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की सुरक्षा और सेहत को लेकर पूरे देश में तनाव और भ्रम की स्थिति बन गई है। 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद खान के बारे में अफगानिस्तान की कई मीडिया संस्थाओं ने बुधवार को दावा किया कि उनकी जेल में हत्या कर दी गई है। इसके बाद पाकिस्तान में हालात अचानक गर्म हो गए और सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक नाराज़गी फूट पड़ी। हालांकि, पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से इस दावे पर कोई पुष्टि नहीं की गई है। झारखंड वार्ता भी इस खबर की पुष्ट नहीं करता।
जेल के बाहर हलचल, बहनों को घसीटकर भगाया गया
जानकारी के अनुसार मंगलवार रात इमरान खान की बहनों, अलीमा खान, डॉ. उजमा खान और नोरीन खान को जबरन जेल गेट से दूर ले जाया गया। आरोप है कि पंजाब पुलिस ने तीनों के साथ धक्का-मुक्की की और 71 वर्षीय नोरीन खान को बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा गया। बहनों ने पुलिस महानिरीक्षक उस्मान अनवर को पत्र लिखकर इसे निर्दयता की पराकाष्ठा बताया और कहा कि जबरन कार्रवाई के दौरान स्ट्रीटलाइटें बंद कर दी गईं, ताकि पुलिस अंधेरे का फायदा उठाकर बल प्रयोग कर सके।
पीटीआई नेताओं और खान की बहनों ने जेल के पास फैक्ट्री नाका क्षेत्र में धरना भी दिया, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिली। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से परिवारजन इमरान खान से मुलाकात नहीं कर पाए हैं; आखिरी मुलाकात 30 अक्टूबर 2024 को हुई थी।
सरकार का दावा- सब अफवाहें, लेकिन मुलाकात पर रोक क्यों?
पाकिस्तान सरकार और सेना ने इमरान खान की हत्या की खबरों को मनगढ़ंत बताया है। सरकार का कहना है कि यह दुष्प्रचार है और इमरान खान सुरक्षित हैं। हालांकि, मुलाकातों पर सख्त प्रतिबंध के कारण PTI समर्थकों और आम लोगों के बीच शक और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर हजारों लोग शहबाज शरीफ सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।
हजारों समर्थक जेल के बाहर जमा, सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ी
अफगान मीडिया की रिपोर्ट सामने आते ही PTI के हजारों समर्थक अदियाला जेल के बाहर जमा हो गए। लोगों की एक ही मांग है, अगर इमरान खान जिंदा हैं तो परिवार और वकीलों को मिलने दिया जाए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जेल परिसर के बाहर भारी मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।
मुलाकात बंद होने से गहरा रहा संदेह
अक्टूबर 2024 के बाद से न तो परिवार, न वकील, न ही पार्टी के किसी नेता को इमरान खान से मिलने दिया गया है। इसी वजह से उनकी सेहत, सुरक्षा और अब जिंदा होने तक पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
पीटीआई का दावा है कि सरकार और सेना इमरान खान को प्रताड़ित कर रही है, वहीं सरकार इन आरोपों को आधारहीन बताती है। लेकिन लगातार बढ़ती बंदिशों और गोपनीयता से अफवाहों को और बल मिल रहा है।












