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बिहार:बेटे को मंत्री बनाना RLM नेता उपेंद्र कुशवाहा को पड़ा महंगा,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समेत कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी

On: November 27, 2025 4:13 PM
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पटना:आर एल एम अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का पुत्र मोह उन्हें महंगा पड़ गया है। उन्होंने अपने बेटे दीपक प्रकाश को नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनाया। इसके खिलाफ पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ समेत कई कार्यकर्ताओं ने एक साथ उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा को आज बड़ा झटका लगा है।

उपेन्द्र कुशवाहा की RLM के कई नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ सहित कई प्रभारी प्रदेश अध्यक्षों ने उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी छोड़ दी है। प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी,प्रमोद यादव,राजेश रंजन ने भी अपना इस्तीफा उपेन्द्र कुशवाहा को भेज दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी उपेक्षा से नाराज नेताओं ने आज इस्तीफा सौंप दिया है।

RLM के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पत्र भेजकर यह कहा गया है कि पिछले दिनों पार्टी द्वारा लिए गए फैसलों से वे सहमत नहीं हैं। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने कहा कि 9 साल से वो उपेन्द्र कुशवाहा के साथ काम कर रहे हैं। लेकिन अब कई पार्टी के फैसले से खुद को जोड़ नहीं पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब उपेन्द्र कुशवाहा के साथ काम करना संभव नहीं है। इसलिए हम अपने पद और पार्टी से इस्तीफा देना ही उचित समझ रहे है।

उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने सीट बंटवारे में पार्टी के हितों का ख्याल नहीं रखा। अपने बेटे को लॉन्च करने के लिए उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी के अन्य नेता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उनकी पत्नी सासाराम से चुनाव जीत गयी लकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया। क्या उन्हें अपनी पत्नी पर भरोसा नहीं है। उनके बेटे ना चुनाव जीते ना ही एमएलसी है उसके बावजूद उनको मंत्री बना दिया गया और अब सफाई दे रहे हैं। उपेन्द्र कुशवाहा की सफाई पर पार्टी के नेताओं ने कड़ी नाराजगी जताई।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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