कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें बांग्लादेशी नागरिक द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी के तरीके अपनाने का मामला सामने आया है। इस घटना ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठ का एक नया और खतरनाक पैटर्न उजागर किया है।
मामला तब सामने आया जब एक बांग्लादेशी युवक, महबूर दफादार ने भारतीय नागरिक बनने के लिए एक भारतीय बुजुर्ग, जियाद अली दफादार, को अपना पिता बताकर भारतीय वोटर आईडी कार्ड बनवा लिया। जियाद अली ने महबूर को पहचानने से इनकार कर दिया और प्रशासन से शिकायत की कि महबूर एक बांग्लादेशी नागरिक है, जिसने उनके दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की है।
जियाद अली ने प्रशासन को बताया कि महबूर ने उनके घर में घुसपैठ की और उनकी पत्नी से मुलाकात के दौरान उनके आधार कार्ड और वोटर आईडी हासिल कर ली। इसके बाद, महबूर ने इन दस्तावेज़ों का उपयोग करते हुए अपना वोटर कार्ड बनवाया, जिसमें जियाद अली को अपना पिता बताया। जियाद अली ने इसे सख्त खारिज किया और प्रशासन से अनुरोध किया कि महबूर को देश से बाहर भेजा जाए, क्योंकि वह एक विदेशी नागरिक है और भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धोखा दे रहा था। उन्होंने कहा कि वह कट्टरपंथी हो सकता है, मुझे हमेशा डर लगा रहता है।
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजनीतिक घमासान भी तेज हो गया है। बीजेपी ने इसे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर एक गंभीर आरोप के तौर पर उठाया है। वहीं, TMC ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के जरिए विशेष रूप से अल्पसंख्यक बहुल और तृणमूल समर्थक इलाकों में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं।
साथ ही, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया केवल फर्जी मतदाताओं को हटाने के लिए की जा रही है, जिनमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी। सरकार का यह भी दावा है कि इस प्रक्रिया से केवल असली भारतीय नागरिकों के नाम ही सूची में होंगे और विदेशी नागरिकों को पहचान कर वापस भेजा जाएगा।
इस मुद्दे ने पश्चिम बंगाल में एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, जिसमें चुनाव आयोग, राज्य सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।
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