Pakistan Accused of Sending Expired Items to Srilanka: साइक्लोन दितवाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचा दी है। लगातार बारिश और बाढ़ से देश के कई हिस्सों में हालात बेकाबू हो चुके हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 334 लोगों की मौत, 370 लोग लापता और 11 लाख से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि करीब 2 लाख लोगों को शेल्टरों में शरण लेनी पड़ी है।
आपदा के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने श्रीलंका की मदद की दिशा में कदम बढ़ाए, जिसमें सबसे तेज़ प्रतिक्रिया भारत की ओर से आई। भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत 53 टन मानवीय सहायता भेजी, जिसमें शामिल हैं टेंट, दवाइयां, रेडी-टू-ईट फूड, तिरपाल, विशेषज्ञ मेडिकल टीम, NDRF की विशेष यूनिट। भारत ने मानवीय आधार पर पाकिस्तान को भी महज़ 4 घंटे के भीतर एयरस्पेस उपयोग की अनुमति दी, ताकि उसकी राहत फ्लाइट श्रीलंका पहुंच सके।
चीन ने भी भेजी वित्तीय सहायता
चीन की ओर से भी श्रीलंका को आपातकालीन फंड मुहैया कराया गया है। चीन की रेड क्रॉस सोसाइटी ने श्रीलंका रेड क्रॉस को वित्तीय मदद भेजकर राहत प्रयासों को समर्थन दिया।
लेकिन पाकिस्तान की राहत सामग्री पर खड़ा हुआ बड़ा बवाल
मदद भेजने की दौड़ में पाकिस्तान भी शामिल हुआ। उसने श्रीलंका को खाद्य पैकेट और अन्य राहत सामग्री भेजी, जिसकी तस्वीरें पाकिस्तानी दूतावास ने सोशल मीडिया पर साझा भी कीं।
यही तस्वीरें विवाद की वजह बन गईं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में पीले रंग के कुछ पैकेटों पर साफ़ नजर आ रही एक्सपायरी डेट 2024 लिखी थी, यानी सामग्री की वैधता खत्म हो चुकी थी। बताया गया कि यह पैकिंग 2022 में की गई थी, और पाकिस्तान ने वही एक्सपायर्ड सामान राहत के तौर पर भेज दिया।

श्रीलंका में राजनीतिक तूफ़ान
स्थानीय राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और विपक्षी नेताओं ने पाकिस्तान की इस लापरवाही को लेकर कड़ा रुख अपनाया। उनका कहना है कि, आपदा में राहत भेजने का मकसद जनता की जान बचाना है, न कि उनकी जान खतरे में डालना। ऐसी सामग्री भेजना गंभीर गैर जिम्मेदारी है। कई समूहों ने पाकिस्तान से स्पष्टीकरण, जवाबदेही, और एक्सपायर्ड सामग्री को तुरंत बदलने की मांग की है।
पाकिस्तान ने ट्वीट हटाया
विवाद बढ़ने के बाद पाकिस्तानी दूतावास ने अपनी ही पोस्ट डिलीट कर दी। लेकिन तब तक मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका था।

पाकिस्तान पहले भी भेज चुका एक्सपायर्ड राहत सामग्री
यह कोई पहला मामला नहीं है। 2022 में अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान भी पाकिस्तान द्वारा भेजे गए राहत पैकेटों में एक्सपायर्ड खाद्य सामग्री और घटिया क्वॉलिटी का गेहूँ मिलने की शिकायतें सामने आई थीं। तब तालिबान अधिकारियों ने तुलना करते हुए कहा था कि भारत की सहायता बेहतर गुणवत्ता की थी, जबकि पाकिस्तान ने खराब और अनुपयोगी सामग्री भेजी।
जब श्रीलंका एक भयानक मानवीय संकट से जूझ रहा है, ऐसे समय में पाकिस्तान की ओर से एक्सपायर राहत सामग्री भेजे जाने का आरोप एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या आपदा के समय की जाने वाली मानवीय मदद सिर्फ दिखावे तक सीमित होती जा रही है?
फिलहाल, श्रीलंका सरकार इस मामले में आधिकारिक प्रतिक्रिया की तैयारी कर रही है, जबकि सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की आलोचना तेज होती जा रही है।












