जमशेदपुर: सांसद विद्युत वरण महतो ने लोकसभा में नियम 377 के तहत बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति का मामला उठाया गया। लोकसभा में सांसद विद्युत वरण महतो ने नियम 377 के तहत बागबेड़ा (झारखंड) की ग्रामीण जलापूर्ति योजना की लंबित स्थिति पर चर्चा की।
सांसद श्री महतो ने कहा कि बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना, जो 2014‑2019 के बीच तत्कालीन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से शुरू की गई थी, अभी भी लगभग 40 % अधूरी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के समान अवधि में शुरू की गई गोविंदपुर जलापूर्ति योजना पूरी हो चुकी है, जबकि बागबेड़ा की कार्यवाही अभी भी रुकावटों का सामना कर रही है।
मुख्य बिंदु
– जल जीवन मिशन का उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है, परन्तु झारखंड में प्रगति चिंताजनक है।
– पाइपलाइन बिछाने, पंप हाउस निर्माण और जलापूर्ति परीक्षण जैसे कार्य कई महीनों से ठप्प हैं।
– ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अभी भी दूर‑दराज़ से पानी ढोने को मजबूर हैं, जबकि केंद्र सरकार ने पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए हैं।
– झारखंड के लाखों ग्रामीण परिवार अभी भी पेयजल की सुविधा के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सांसद श्री महतो ने केंद्र सरकार से विनम्र अनुरोध किया कि इस योजना की प्रगति को प्राथमिकता के आधार पर तेज किया जाए और बागबेड़ा जलापूर्ति योजना से संबंधित किसी भी आर्थिक सहायता को शीघ्र जारी किया जाए, ताकि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा हो सके और जनता को राहत मिल सके।
यह मामला उठाते हुए सांसद श्री महतो ने कहा, “जल जीवन मिशन का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब हम ग्रामीण जलापूर्ति को प्राथमिकता देंगे और लंबित कार्यों को तुरंत पूरा करेंगे।








